महाविद्यालय के प्रवेशद्वार के बगल से निर्माणधीन दीवार को लेकर मचा बवाल.…..आखिर कौन है मकबूल ? शैक्षणिक परिसर में अपनी दबंगई और गुंडागर्दी कर दीवार को गिराया…पढ़िए पूरी खबर

बिलासपुर–शहर से लेकर पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर भाजपा ने सत्ता में आने से पहले तक भूमाफिया नशे के कारोबार और गुंडागर्दी को लेकर हमला करते हुए,चुनाव प्रचार में इसे अपना हथियार बनाकर आम जनता तक लाकर एक अच्छे सुशासन का दंभ भरकर इस प्रदेश की सत्ता में काबिज होने में सफल हुई।

लेकिन प्रदेश की सत्ता में आते ही एक महीना भी नही हुआ की जमीन को लेकर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के सबसे पुराने और नामी गिरामी शैक्षणिक संस्था में राजनीतिक सरंक्षण पर गुंडा गर्दी कर अपनी दबंगई दिखाने वाले इस शख्स ने पूरे प्रबंधन पर हावी होते हुए दीवार को गिरा दिया।दीवार गिराने के बाद उक्त शख्स ने अपनी मर्यादा और संस्कार को एक किनारे करते हुए अपनी अभद्रता का परिचय देते हुए,महाविधालय के शिक्षको के साथ गाली गलोच कर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर शैक्षणिक परिसर में जमकर उत्पात मचाया।

आपको बताते चले की बिलासपुर के सीएमडी महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अलग अलग दिशा में प्रवेश द्वार बने है। इसी में से पुराने बस स्टेंड की और से स्टेशन जाने वाले मार्ग की तरफ एक प्रवेशद्वार है जिसके बाजू से दुकान का निर्माण चल रहा है।इस दुकान के निर्माण होने से महाविद्यालय के प्रवेशद्वार के बाजू से छोटी सी जगह खाली हो गई।

जिसके कारण इस खाली जगह से महाविद्यालय बंद होने के बाद से शाम से देर रात तक असमाजिक तत्वों का जमावड़ा कालेज परिसर में रहता और इन असमाजिक तत्वों के द्वारा शिक्षा के इस मंदिर में अपने अनैतिक कार्यों से शिक्षा के मंदिर को कलंकित और प्रदूषित कर रहे है।जब इनके बारे में महाविद्यालय प्रबंधन को इसकी जानकारी हुई तो प्रबंधन द्वारा असमाजिक तत्वों के आवजाही पर पूर्णता बंद करने के उद्देश्य से शुक्रवार को प्रवेशद्वार के बाजू से खाली जगह में दीवार उठाया जा रहा था।

तो वहा पर काम करे मजदूरों को काम बंद करवा कर दीवार को गिरा दिया।जिसके बाद इस शख्स ने महाविद्यालय के शिक्षको को बाहर बुलाया और काम बंद करने के लिए धमकी और गाली गलौच कर अपनी गुंडागर्दी दिखाई।इस घटना के बाद से महाविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।घटना के बाद बड़ी संख्या में प्राचार्य शिक्षक और छात्र छात्राएं सभी थाना तारबाहर पहुंच कर मामले की शिकायत दर्ज कराई,जहां थाना तारबाहर पुलिस ने इस शिकयत पर मकबूल खान के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया।

कौन है मकबूल–?
तालापारा निवासी मकबूल खान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष के पद में आसीन और इसके पूर्व वह निगम में एल्डरमेन के पद पर भी रह चुके है।यह राजनीतिक व्यक्ति है।जो शहर के नेताजी के खास समर्थकों में इनको जाना जाता है,और लंबे समय से भाजपा में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का काम कर रहे है।यही नहीं यह एक राजनीतिक व्यक्ति के साथ साथ एक बड़े बिल्डर के रूप में भी इनको जाना जाता है।
पुलिस इनके परिचय से है अनजान
इस घटना के सामने आने के बाद से शहर और प्रदेश की राजनीति में इस घटना को लेकर चर्चा का बाजार गर्म बना हुआ।लेकिन इस सब से बेखबर बिलासपुर की पुलिस इस शख्स से अनजान है। इनको बिलासपुर की थाना तारबाहर की पुलिस और थाना प्रभारी इनसे वाकिफ नहीं है।इनके संबंध में थाना प्रभारी से पूछने पर इनको नही जानने की बात कही।लेकिन महाविद्यालय प्रबंधन थाने में शिकायत लेकर पहुंचे तो थाना प्रभारी अपराध दर्ज करने को लेकर हिला हवाला करते रहे जिसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद मकबूल खान के ऊपर अपराध दर्ज किया गया।

मकबूल की शिकायत में महाविद्यालय के प्रबंधन के खिलाफ मामला हुआ दर्ज–

कही ना कही सत्ता पक्ष की पार्टी के नेता के खिलाफ अपराध दर्ज होना वह जब प्रदेश में भाजपा की सत्ता है।तो अपना दबदबा और सत्ता का उपयोग कर देर रात महाविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ मकबूल खान के द्वारा शिकायत दी गई जिसमे थाना तारबहार में अपराध दर्ज कराया गया।इस शिकायत के आधार पर सीएमडी कालेज के चेयरमैन संजय दुबे और प्राचार्य संजय सिंह के नाम से मामला कायम किया गया।

नेता जी के वायदे को कौन ठेंगा दिखा रहा ?विधान सभा चुनाव के पूर्व नेता जी ने चुनावी सभा और जनप्रचार में शहर को शांति का टापू स्थापित करने की बात को आमजनमानस तक पहुंचाते हुए आम जनता के बीच अपना विश्वास कायम कर विधायक बनाने और प्रदेश में भाजपा की सरकार के बनते ही भूमाफिया के आतंक,शहर में खुलेआम हो रही गुंडागर्दी और नशे के कारोबार इन सब को समाप्त कर देने की बात कही थी। लेकिन नेता जी ने जो शहर की आम जनता को जो वायदा किया वह क्या सिर्फ वायदा बनकर ही रह गया या उन वायदों को पूरे कर पाते उसके पहले हीं उनके ही टीम के सिपाही इस वायदे से अनजान होकर अपने स्वार्थ के लिए मान मर्यादा को ताक में रखकर नेता जी के वायदों और उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करते हुए उनके ही वचनों पर सवालिया निशान लगा रहा है।

मकबूल खान का वर्जन–
इस पूरे मामले में मकबूल खान ने अपने पक्ष रखते हुए बताया की जमीन को छोड़ कर निर्माण कार्य कराया गया।मेरी जमीन में महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा जबरन दीवार का निर्माण कर रहे है।जमीन के सभी दस्तावेज मेरे पास है।प्रबंधन जबरन हस्तक्षेप कर मुझे झूठे प्रकरण में फंसा रहा है।
आत्महत्या के लिए उकसाने में –
अभी हाल में ही जमीन संबंधी मामले में भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी फैजान अहमद उर्फ शेबू के ऊपर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला कायम हुआ है।जिसमे फैजान अहमद के ऊपर मामला कायम होने के बाद से फरार बताया जा रहा है।
अब देखना यह होगा की इस घटना के बाद से अनुशासन की बात करने वाली भाजपा पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष मकबूल खान के ऊपर क्या कार्रवाई करती है।

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