सुलझे पुलिस अधिकारी फिर भी अनसुलझे मामले…..बचने के लिए जांच का हवाला और फ़ैना जैसी कार्रवाई का हवाला देते जवाबदार अधिकारी… जानिए क्या है पूरा मामला

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर में एक तरफ जहां पर पुलिस विभाग में जिले के कप्तान पूरी शिद्दत के साथ पूरे जिले में एक अच्छी पुलिसिंग को लेकर समय समय पर निर्देश देकर आम जनता के साथ बेहतर व्यवहार और उनके मन में पुलिस की छवि को लेकर दिशा निर्देश देते है।तो वहीं इनके नीचे के अधिकारी इन दिशा निर्देशों की अनदेखी करने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे है।हाल में कई ऐसे मामले सामने आए जहां पर अपनी समस्या और शिकायत को लेकर पीड़ित इनके दरबार आ रहा तो इनको जांच और फ़ैना का हवाला देकर चलता कर दिया जा रहा है।आपको बताते चले कि इस शहर में कई ऐसे बड़े मामले सामने आए जहां पर इन मामलों में जांच पूरी नहीं हुई।वही इनसे इस बारे में पूछने पर ये अधिकारी किसके पक्ष से आए हो यह पूछते है।ऐसे जवाबदार अधिकारी और अपने आप को सुलझा हुआ बताने वाले पुलिस अधिकारी अपनी कार्यशैली पर स्वयं ही प्रश्न चिन्ह लगा रहे है।अभी हाल में ही बीते कुछ माह पूर्व सोशल मीडिया प्लेटफार्म में एक।महिला के।द्वारा आत्महत्या करने का वीडियो पोस्ट कर उक्त महिला ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।जब तक पुलिस पहुंची तब तक उस महिला की मौत हो गई।लेकिन महिला के मौत के पहले वायरल वीडियो में शहर के कई नामचीन और रसूखदारों के नाम सामने आने के बाद भी आज तक इस मामले किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।इस मामले को लेकर जांच अधिकारी सिर्फ जांच का हवाला और एक लंबी फेहरिस्त की बात करके बात को टालते हुए नजर आ रहे है । मामले मे अभी तक जांच पूरी नही हो पाई है।

ऐसा ही बीते महीने अंडे का फंडे में लाखों रुपए की चपत लगाने वाले अंडे वाले भाईजान का नाम सामने आया था।यह मामला बहुत ही तेजी से समाने आया और मीडिया इस मामले को लेकर कई बाते सामने आई उसके बाद भी आजतक इस मामले में पुलिस ने कोई खुलासा नहीं कर पाया और यह भी जांच के दायरे आकर सिमट गया।वही उस अंडे वाले को जांच अधिकारी अपने तरफ से अभयदान देकर खुलेआम घूमने की छूट देकर अंडे के फंडे को और आगे बढ़ाने के साथ और लोगों को चुना लगाने की विशेष छूट दे दी।यही नहीं अभी दो दिन पूर्व नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का एक मामले का खुलासा करते हुए जमकर अपनी पीठ थपथपाने वाले सुलझे अधिकारी जमकर मीडिया बाजी कर उन पहलुओं को सामने लाकर इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में।लेकर जेल दाखिल कर दिए।लेकिन पर्दे के पीछे एक राजनीतिक दल के रसूखदार नेता को बचाने के लिए सारे नियम कायदे और कानून को एक एक तरफ ताक पर रखकर अपना निजी स्वार्थ पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़े।पकड़े गए आरोपियों में से दो आरोपी ऐसे है जो उस रसूखदार नेता के यहां लंबे समय से काम कर रहे है।इस मामले में।पुलिस इन दोनों आरोपियों को उसी रसूखदार नेता के ऑफिस से गिरफ्तार किया गया।कही न कही इस पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में है।

अभी बीते दिनों धर्म और आस्था के नाम पर पंद्रह दिन से शिकायत पड़ी हुई है।उस शिकायत में पीड़ित पक्ष का बयान ले लिया गया लेकिन उस ठग बाबा तक पुलिस पहुंचने में अभी तक नाकाम है।ऐसा बताया भी जा रहा की यह ठग बाबा कई स्थानों में इस तरह की ठगी की घटना को अंजाम चुका है।उसके बाद पुलिस उस ठग बाबा को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है।शायद उसके भागने या भागने के इंतज़ार में पुलिस लगी हुई है।वही इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी जांच और फ़ैना का हवाला देकर बचने के प्रयास में लगे हुए।
जांच के नाम पर हिलाहवाली और लेटलतीफी का रवैया अपनाने वाले अधिकारी के कारण पेंडिंग मामले लगातार बढ़ते जा रहे है । इंसाफ की आस मे थाने पहुँचने वाले फरियादियों को जाँच के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। जिसके कारण इस अफसर की कार्यशैली पर प्रश्नचिंह लग रहे है । विभागीय जानकारी के अनुसार जमीनी स्तर पर काम करने वाला यह अफसर गंभीर मामलों मे पुलिस कप्तान को भी गुमराह कर रहा है और उच्च अधिकारियों के पास सिर्फ उन्ही विषयों को लेकर जाता है जिसमे वह अपने आप को बेहतर अफसर साबित कर सके । अब देखना होगा की इनके अधिकार क्षेत्र मे गंभीर मामलो की पेंडेन्सि लगातार बड़ रही है और लगभग सभी मामले मे फरियादो को फैना देने की मंशा साफ जाहिर कर चुके है।
ऐसे मे सवाल उठ रहे है की जब फैना ही काटना है तो जांच के नाम पर समय क्यो बर्बाद किया जा रहा है । फ़िल्हाल अपने आप को सुलझा अफसर समझने वाले इस अधिकारी के पास अनसुलझे मामले का कोई जबाब नही है अब देखना यह होगा कि जिले के कप्तान को सुलझे हुए अधिकारि अपने तरफ क्या सफाई देते है।

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