मौसम ने बिगाड़ा रावण विक्रेताओं का हाल,कोरोना के बाद भी नहीं ऊभर पाया रावण का बाजार

बिलासपुर–शारदीय नवरात्र की दशमी को पूरे देश में विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा त्यौहार भगवान राम के मर्यादा को प्रदर्शित करता है।

इसके साथ ही समाज को एकजुटता और सदाचार का संदेश भी देता है इसके साथ ही एक वर्ग ऐसा भी है जो रावण का पुतला बेचकर अपना भरण-पोषण करता है लेकिन बारिश की वजह से इनका व्यापार पूरी तरह ठप नजर आ रहा है।

कोरोना काल के बाद भी रावण का बाजार मंदी के दौर से उबर नहीं पाया है।इसके साथ ही महंगाई की मार की वजह से रावण विक्रेताओं के चेहरे मुरझाए हुए नजर आ रहे हैं।सामानों की बढ़ती कीमतें और ग्राहकों की बेरुखी से रावण विक्रेताओं के बीच निराशा का माहौल बना हुआ है।

इसके साथ ही मौसम की मार ने उनकी तकलीफों को और बढ़ा दिया है।3 महीने की लगातार मेहनत के बाद अब विजयदशमी के दिन तक रावण के पुतले की जैसे तैसे बिक्री करने रावण विक्रेता ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं।

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