गर्मी का कहर–बिलासपुर में सूखे जलस्रोत…खतरे में जीवन, पानी-पानी को तरसे बिलासपुर… तालाबों ने छोड़ दी सांस…..

बिलासपुर– जिले में लगातार बढ़ती गर्मी के कारण जल का स्तर बड़ी तेजी से घट रहा है। जिले के अधिकांश तालाब सूखने की कगार पर हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है। कई प्रमुख जलस्रोतों का पानी समाप्त हो चुका है, जिससे खेती-बाड़ी और पेयजल व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है। प्रशासन का जल संरक्षण अभियान मुकाम तक नहीं पहुंचा है, जिसके कारण हालात में तत्काल सुधार के संकेत भी नहीं दिख रहे हैं।यह कोई पहला साल नहीं है हर साल तेज गर्मी में शहर और जिले के अधिकांश तालाब या तो सूख जाते हैं या सूखने की कगार पर पहुंच जाते हैं। इसका सीधा प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है, जहां से लोगों को निस्तार के लिए आसानी से पानी मिल जाता था अब वही उन्हें पानी के लिए संघर्ष करते हुए देखा जाता है। बिलासपुर शहर की अगर हम बात करें तो दूसरे वार्डों की तरह 49 नम्बर वार्ड का नाग नागिन तालाब भी पूरी तरह सुख चुका है। यह तालाब एक समय वार्ड वासियों के लिए आस्था का स्थल कहलाता था,लेकिन जल स्तर गिरने के चलते यह पूरी तरह सूख चुका है।

लोगों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस तालाब में पहले लोग नहाने, कपड़ा धोने, मुंडन कार्यक्रमों के अलावा अन्य बहुत सारे धार्मिक सामाजिक काम किया करते थे,लेकिन अब इसके सूख जाने के कारण वार्ड वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।वार्ड क्रमांक 49 के पार्षद सुनील सोनकर ने कहा कि, सामान्य सभा के बजट में तालाबों के सौंदर्यकरण की बात रखी गई है। आश्वासन मिला है,जल्द ही इसमें काम नजर आएगा।शहर में पानी या तालाब की दुर्दशा कोई एक वार्ड की बात नहीं है अधिकांश वार्डो में यही स्थिति बनी हुई है।

जहां पहले लोग निस्तारी के तमाम काम तालाब में कर लिया करते थे आज उसी काम के लिए लोग तरसते हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम को मिलकर इस तरह के कामों में ध्यान देना चाहिए ताकि शहर के भीतर जो जल स्रोत का मामला बिगड़ चुका है किसी तरह ऐसे तालाबों को पुनर्जीवन देकर बचाया जाए ताकि स्थिति गंभीर न होने पाए।

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