जब पुलिस बन जाए अपराधियों का संरक्षक तब कैसे रुके अपराध ? चोरी के एक मामले में खुद पुलिस की भूमिका हुई संदिग्ध । जानिए क्या है पूरा मामला…!

बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में आज एक चोरी के मामले के पर्दाफाश होते ही पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है । दरअसल पप्पू वाजपेयी नामके एक शख्स सिटी कोतवाली थाना में चोरी की अलग-अलग शिकायतों के साथ पहुंचे । शिकायतकर्ता के मुताबिक बीते कई दिनों से उसके यहां छिटपुट चोरी की घटना घट रही थी ।

मुहल्ले वाले भी अज्ञात चोर से परेशान थे । आज मोहल्लेवालों ने आखिरकार चोर को पकड़ ही लिया और उसे कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया । पूछताछ पर उसने शिकायतकर्ता पप्पू वाजपेयी के समान को चोरी कर शहर के महेश कबाड़ी के यहां बेचना कबूल लिया । फिर कोतवाली पुलिस ने शिकायतकर्ता को कबाड़ी के यहां ले जाने की बात कहते हुए उसे थाने से ले गया और रास्ते में ही उतार दिया ।

पुलिस के इस गतिविधि से पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी हो गया है । सवाल अब यह उठ रहा है कि आखिरकार पुलिस का कबाड़ व्यवसायी से सेटिंग कोई सेटिंग तो नहीं । कहीं यह खेल कबाड़ के व्यवसायी और पुलिस के मिलीभगत का तो नहीं ? सवाल यह भी है कि जिले में पुलिस कप्तान के बदलते ही क्या फिर से पुलिस डिपार्टमेंट के अंदर अपराधियों के संरक्षण देने का खेल शुरू हो चुका है । बहरहाल इन तमाम सवालों पर पटाक्षेप तो तब होगा जब पुलिस आलाधिकारी खुद इस मामले को संज्ञान में लेकर मामले की गहराई से तफ्तीश करे ।

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