जान जोखिम में डाल मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों को नही मिल पा रहा मेहनताना

जयदेव सिंह की रिपोर्ट

महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक के ग्राम बरपेलाडीह के मनरेगा कार्य में मजदूरों को एक निश्चित नाप देने के बाद सप्ताह में सिर्फ 1030 रूपये ही भुगतान किया जा रहा है। पूरा महनताना नहीं मिलने पर परेशान हो रहे मजदूर। गांव में दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले होने के बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों की घोर लापरवाही सामने आ रहीं है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच हो रहे है भगवान भरोसे मनरेगा के कार्य।


वैश्विक महामारी कोविड़-19 से बढ़ते संक्रमण के कारण शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में फैल रहे
संक्रमण की दूसरी लहर से लोगों की जान बचाने की कवायद चल रही है। तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं। वही लॉकडाऊन में जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में मानकों के साथ मनरेगा के कार्य संचालित करने के निर्देश दिये हैं। बावजूद इसके बसना जनपद के ग्राम पंचयात बरपेलाडीह में चल रहे तालाब गहरीकरण कार्य में शासन द्वारा निर्धारित मनरेगा एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी कोविड़-19 गाइडलाइन के नियमों का धज्जियां उड़ाई जा रही है।

कार्यस्थल पर ग्रामीणों को कोई भी सुविधाएं मुहैया नहीं कराया गया।
चंदनमुड़ा तालाब गहरीकरण करीब तीन महीने से जारी है। इस गहरीकरण कार्य के लिए स्वीकृत राशि 9.86 लाख है। गांव के सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा सूचना फलक (बोर्ड ) तक नहीं लगाया गया। यहीं नहीं कार्यस्थल में मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाएं जैसे छांव, पीने की पानी, श्रमिक घायल हो जाने की स्थिति में प्राथमिक उपचार के लिए फास्टेड बॉक्स (दवा पेटी) का इंतजाम तक नहीं किया गया। मौके पर 65 मजदूरों की उपस्थिति बताया गया जबकि कार्यस्थल में 30 से 35 मजदूर वो भी बिना मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग के बगैर बैठे और कार्य करते देखा गया। यहीं नहीं कार्यस्थल पर मजदूरों के हाथ धोने के लिए न साबुन, हैंडवास, सैनिटाइजर और न पानी की व्यवस्था थी। जबकि बरपेलाडीह गांव में आधा दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस हैं।


दर्जनों कार्यरत मजदूरों का कहना है कि, कार्यस्थल पर कोई देख-रेख करने नही आते तालाब गहरीकरण कार्य को हम मजदूरों की देख-रेख में किया जा रहा हैं। केवल मेट द्वारा प्रतिदिन हाजरी लेने आने सहायक वेदलाल बाघ को शनिवार के दिन गोदी मापने के लिए बुलाना पड़ता हैं। जबकि बड़ी मुश्किल से सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को आता हैं।

पिछले एक महीने से कोई भी तकनीकी सहायक यहां काम देखने नही आया है। साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि, रोजगार सहायक एवं मेट द्वारा मिट्टी खोदने के लिए गोदी की एक निश्चित नाप दिया गया हैं। उसके बाद भी हमें सप्ताह में केवल 1030 रुपये दिया जा रहा हैं। पूरा महनताना नहीं मिल रहा हैं। इससे पता चलता है कि ग्राम पंचायत बरपेलाडीह में सरपंच रोजगार सहायक एवं सहायक द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के बीच मनरेगा मजदूरों से बिना सावधानियों के जान जोखिम में डलवाकर मनरेगा कार्य लिया जा रहा है। इस संबंध में तकनीकी सहायक ज्योति नाग से उनका पक्ष जानने के लिये फोन किया गया तो उनके द्वारा फोन तक रिसीव नहीं किया गया।

इस संबंध में जनपद पंचायत बसना के कार्यक्रम अधिकारी प्रेमचंद बंजारे का कहना है कि, तत्काल कार्य का निरीक्षण कर कमी में सुधार लाने के लिये निर्देश किया जावेगा। कार्य में लापरवाही बरते जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेंगी।

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