बंद पड़े वेटनरी कॉलेज के लिए अभाविप ने खोला मोर्चा..वीसीआई के सदस्य और कुलसचिव का किया घेराव

बिलासपुर–अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर द्वारा बिलासा तल के नजदीक स्थित बंद पड़े शासकीय पशु चिकित्सा एवं पालन महाविद्यालय को प्रारंभ करने की मांग को लेकर वेटनरी काउंसिल की टीम और विवि के कुलसचिव का घेराव किया। दरअसल पिछली सरकार के समय से प्रारंभ हुए वेटनरी महाविद्यालय 2017 से बंद पड़ा है।

लगातार जांच समितियां यहां की व्यवस्था को देखने कॉलेज का प्रवास करती है किंतु पिछले 7 वर्षों से यह महाविद्यालय प्रारंभ नहीं हो पाया है। यहां के डीन और सभी प्राध्यापक एवं छात्रों को विवि परिसर में ट्रांसफर कर दिया गया था।तब से आज तक ये महाविद्यालय शासकीय खर्चों पर केवल संचालित है किंतु किसी प्रकार का कोई लाभ छात्रों को नहीं मिल पाया है।

अभाविप के महानगर मंत्री जितेंद्र साहू ने बताया कि काउंसिल की टीम समय समय पर विजिट जरूर करती है किंतु अब तक कॉलेज का प्रारंभ न होना सैकड़ों छात्रों को भविष्य को बर्बाद करने जैसा है। सरकारी पैसों का दूर उपयोग कॉलेज में साफ झलकता है।

अभाविप के बिलासपुर के सह मंत्री शशांक सोनवानी ने कहा कि विवि को तय करना होगा कि यह कॉलेज चलाना है या नहीं, पिछले कई वर्षो से भवन का निर्माण होना, प्राध्यापकों को सैलरी इस कॉलेज के नाम से जा रहा है और छात्र एक भी नहीं है क्योंकि 2017 से प्रवेश बंद है। या तो कॉलेज प्रारंभ की या सरकारी पैसों का दूर उपयोग बंद करे।इस मौके में बड़ी संख्या में अभाविप के कार्यकर्ता मौजूद रहे।कॉलेज के विषय में निर्णय न होने पर अभाविप भविष्य में बड़ा आंदोलन करेगी।

जांच करने आई समिति को ख़ुटाघाट में घूमते देख बिफरे कार्यकर्ता

अभाविप के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य ने बताया कि देश भर से आई हुई वेटनरी काउंसिल की टीम को कुलसचिव और डीन द्वारा ख़ुटाघाट ले जाया गया, भारत सरकार के खर्च पर आई टीम का इस प्रकार घूमना फिरना निंदनीय है, कुलपति, कुलसचिव डीन का यह कृत्य अत्यंत गंभीर है। सरकारी पैसों के दुरुपयोग के खिलाफ अभाविप जांच समिति की शिकायत भारत सरकार और वेटनरी काउंसिल से कर कार्यवाही की मांग करेगी।

2500 वृक्षों की हुई कटाई की जांच भी अधूरी

महाविद्यालय परिसर में 2500 वृक्षों की कटाई की गई थी जिसकी जांच आज भी चल रही है। इस जांच में कुलपति से जवाब मांगा था गया था। उसके बाद भी आज तक कुलपति के द्वारा जवाब नहीं दिया गया।

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