रायपुर में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं, कल से शुरू होगी चालानी कार्रवाई
रायपुर। राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए सोमवार से पुलिस सख्त कदम उठाया जाएगा। ऑटो वालों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी बीच सड़क और चौक-चौराहों पर ऑटो रोककर सवारी नहीं बिठाएगा। ऐसा करने वालों पर मोटा जुर्माना किया जाएगा। ड्राइविंग सीट पर सवारी बिठाने वालों का परमिट रद्द किया जाएगा। बड़े शहरों में आबादी के अनुसार पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाया जाता है। वहां सिटी बस, ऑटो और ई-रिक्शा की संख्या तय है। ई-रिक्शा का भी परमिट जारी किया जाता है। रायपुर में भी यह सिस्टम लागू करने का प्रयास किया जाएगा। परिवहन विभाग को चि_ी लिखी जाएगी कि ई-रिक्शा को भी परमिट जारी किया जाए। ताकि ई-रिक्शा की मॉनिटरिंग के लिए भी सिस्टम बनाया जाए।शनिवार को निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी, डीएसपी गुरजीत सिंह और सुशांतो बनर्जी ने ऑटो संघ की बैठ ली। उनसे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मदद मांगी गई।
ट्रैफिक व्यवस्था फिर नया प्रयोग ऑटो-ई-रिक्शा के लिए तय होंगे रूट: शहर के बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने पुलिस और प्रशासन एक बार फिर प्रयोग करने जा रहा है। बड़े और संकरे चौराहों पर रोटेटरी दोबारा बनायी जाएगी। ट्रैफिक सुधारने के लिए ही शहर के कई बड़े चौराहों जिनमें शास्त्री चौक भी शामिल है, रोटेटरी हटा दी गई थी। ये आंकलन किया गया था कि रोटेटरी हटाने से ट्रैफिक सुधरेगा और जाम से राहत मिलेगी, लेकिन अब कई चौराहों पर इसकी जरूरत महसूस की जा रही है। दूसरी ओर ट्रैफिक सुधारने के लिए ही ई रिक्शा का कांसेप्ट लाया गया थ। ई रिक्शा इतने बढ़ते जा रहे हैं कि अब इनके लिए भी परमिट सिस्टम लागू किया जाएगा। जिस ई रिक्शा को जहां जिस रुट का परमिट मिलेगा वह उसी रास्ते पर चल सकेगा। अभी ई रिक्शा जहां तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं चालक अपनी मर्जी से कहीं भी चला रहे हैं।
जानिए शहर के किन-किन चार प्रमुख चौराहों पर रोटेटरी बनेगी और ई-रिक्शा के लिए क्या नियम बनाए जा रहे हैं। शहर के बीचोबीच इलाके में ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण सवारी भी ज्यादा मिलती है, इस वजह से ई रिक्शा वाले यहीं पर चलते हैं। ई रिक्शा चालकों का फोकस जय स्तंभ चौक के आस-पास रहता है, इस वजह से सबसे ज्यादा ई रिक्शा यहीं चलते हैं। शहर के कई इलाकों में तो ई रिक्शा दिखाई भी नहीं देते हैं। परमिट सिस्टम के साथ रुट निर्धारित किया जाएगा। ई रिक्शा उसी निर्धारित रुट पर चलेंगे। इससे किसी एक इलाके में ट्रैफिक का प्रेशर नहीं बढ़ेगा।
पंडरी से अंबेडकर अस्पताल की ओर जाने वाले अक्सर कचहरी से जेल रोड की तरफ जाने वाली गाडिय़ों से भिड़ जाते हैं। इसी तरह जेल रोड से आक्सीजोन जाने वाली गाडिय़ां भी आमने-सामने से भिड़ जाती है। कई बार बड़ी दुर्घटना होते-होते बची है। छोटे एक्सीडेंट रोज हो रहे हैं। खासकर स्कूल छूटने के समय यहां पर जाम के हालत बन जाते हैं। गाडिय़ों की स्मूद पासिंग के लिए यहां पर रोटेटरी का प्लान उपयुक्त माना गया। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रोटेटरी के प्लान को मंजूरी दी गई।
भारत माता चौक पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। यहां सड़क खासी चौड़ी है। ट्रैफिक एक्सपर्ट का कहना है कि कहीं-कही पर ज्यादा चौड़ी सड़कें या चौक पर काफी ज्यादा स्पेस भी ट्रैफिक को डिस्टर्ब करता है। इसलिए ऐसी जगहों पर रोटेटरी बनाकर ट्रैफिक को व्यवस्थित किया जाता है। फ्लाईओवर से उतरकर गुढिय़ारी, कोटा रोड और तेलघानी नाका ओवरब्रिज की ओर आने-जाने वाली गाडिय़ां भारत माता चौक पर फंसती हैं। गाडिय़ों के सुविधाजनक पासिंग के लिए यहां रोटेटरी बनाना जरूरी है।
- खम्हारडीह चौक अवंति विहार, कचना और शंकर नगर से आने वाले लोग खम्हारडीह चौक पर फंसते हैं। इस इलाके में कई बड़े कालेज और स्कूल हैं। इन शैक्षणिक संस्थानों की बड़ी-बड़ी बसें खम्हारडीह चौक से गुजरती हैं। यहां चौक जैसा बनाया गया है, लेकिन कोई व्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इसलिए अक्सर गाडिय़ां फंसती है। ट्रैफिक पुलिस ने इस चौक पर कई बार रोटेटरी बनाने का सुझाव दिया है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी यह बात उठने के बाद रोटेटरी बनाने पर सहमति बनी है।
- देवेंद्र नगर चौक एक्सप्रेस वे के नीचे देवेंद्र नगर चौक पर भी अक्सर ट्रैफिक जाम के हालात बन रहे हैं। एक्सप्रेस वे के बाईपास से गाडिय़ां इस चौक पर आती हैं। ग्लोबल चौक की तरफ से आने वाली गाडिय़ों को सिटी सेंटर होकर पंडरी जाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसलिए यहां पर भी ट्रैफिक को स्मूद करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति ने दिक्कतों को समझते हुए रोटेटरी बनाने का सुझाव है।