छत्तीसगढ़: IMA करने जा रही है भूख हड़ताल, जानिए सरकार की किस नीति के खिलाफ।
रायपुर: मिक्सोपैथी यानी होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी इत्यादि पद्धति को आधुनिक ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से केंद्र सरकार ने इलाज एवं ऑपरेशन करने तक की अनुमति दी है। सरकार के इस मिक्सोपैथी के आदेश में IMA, 01 फरवरी से 14 फरवरी तक करेगी भूख हड़ताल। हड़ताल 14 फरवरी तक चलेगी इसमें प्रतिदिन 5 डॉक्टरों का क्रमिक भाग लेंगे। रायपुर मेडिकल कॉलेज में 01 फरवरी 11 बजे से भूख हड़ताल करेंगे। हड़ताल में आई एम ए को प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड का भी साथ है। हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों में इलाज भी बाधित रहेगा।
सरकार की मिक्सोपैथी को लेकर IMA का कहना है, “इंडियन मेडिकल एसोसिएशन स्वास्थ्य सेवाओं की सभी पद्धतियों का सम्मान करता है ,लेकिन इनके आपसी मिश्रण का विरोध करता है । हर पद्धति में बीमारी की पहचान तथा इलाज के सिद्धात बिल्कुल अलग है । एक चिकित्सक द्वारा एक ही पद्धति के संपूर्ण ज्ञान प्राप्ति में वर्षों बीत जाते हैं , तब भी वह ज्ञान संपूर्ण नहीं होता । ऐसे में यदि इन चिकित्सकों को सभी पद्धतियों का मिश्रित इलाज करने की अनुमति दी जाए तो , यह खिचड़ी चिकित्सा पद्धति होगी और आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा । एलोपैथी में स्नातक MBBS छात्र जब तक सर्जरी में 3 साल की MS की डिग्री ना ले , तब तक वे सर्जरी नहीं कर सकते । ऐसी स्थिति में अन्य पद्धति के डॉक्टर मात्र कुछ महीनों की सामान्य ट्रेनिंग के बाद सर्जरी कैसे कर पाएंगे । क्या आम जनता का जीवन बहुत सस्ता है या उसका कोई महत्व नहीं है , जो इस तरह की खिचड़ी चिकित्सा पद्धति अर्थात मिक्सोपैथी के द्वारा अधूरे ज्ञान वाले चिकित्सक उत्पन्न कर समाज में फैलाने की कोशिश की जा रही है , जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है तथा पूर्णतया असुरक्षित , अवैज्ञानिक एवं जीवन के लिए खतरनाक है । अन्य पद्धतियों को उनके मूल रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उनका प्रयोग उनके विशेषज्ञों द्वारा ही किया जाना चाहिए । यह अधिकार जनता के पास होना चाहिए कि वह अपना इलाज किस पद्धति से करवाना चाहती है।