सिवनी में चल रहा झोला छाप डॉक्टरों का खेल, कौन है इस खेल के पीछे?जानिए पूरी खबर।

सिवनी: जिला मुख्यालय के बलौदा विकास खंड के ग्राम पंचायत सिवनी वैसे तो चाँपा नगर पालिका से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन इस गांव में दर्जन भर से अधिक झोला छाप डाँक्टरों का काला कारोबार धडल्ले से संचालित हो रहा है। इन फर्जी डांक्टरों के बारे में जान कर आपको विश्वास नही होगा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नाकामी का नमूना देख कर आप भी यही सोचने को मजबूर हो जाएगे कि बिना विभागीय संरक्षण के ऐसा कारोंबार फलफूल ही नही सकता। आईए देखते है सिवनी के झोला छाप डाँक्टर का क्लीनिक कैसे चलता है। बडा मकान लेकिन सामने कोई बोर्ड बेनर या डाँक्टर का नेम प्लेट नही लेकिन कमरे के अंदर में बाकायदा डाँक्टर का कैबिन ,मरीजो के बैठने के लिए कुर्सियाँ और कमरे में दवाओ का अंबार। झोला छाप डाँक्टर अपने पास आने वाले मरीज का बीपी,सुगर और अन्य जांच करते है। साथ ही इंजेक्शन भी लगाने के नही चुकता और इलाज के बदले मरीजों से मोटी रकम में ऐेठ लेते है और मरीजों की जान के साथ खिलवाड करते है। ऐसे ही एक झोलाछाप डाँक्टर के इलाज के कारण एक महिला की मौत हो गई है जिसके कारण डभरा पुलिस ने आरोपी डाँक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। इसके बावजूद जिले में फर्जी डांक्टरों के खिलाफ कारवाई नही होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।

बात ऐसी नही है कि सिवनी गांव में झोला छाप डाँक्टरों के कारोबार के बारे में अधिकारियों को जानकारी नही। स्वास्थ्य़ विभाग के अधिकारियो की उदासिनता और मिली भगत होने के कारण बिना सर्टीफिकेट के फर्जी डाँक्टर नर्सिंग होम एक्ट का उलंघन करते हुए लोगो की जान के साथ खिलवाड कर रहे है। इस मामले में बलौदा बीएमओ ने कहा कि सिवनी गांव में संचालित अवैध क्लीनिक की जानकारी मिडिया से मिली है और इस तरह डाँक्टरी के पेशे को बदनाम करने और मरीजों की जान को जोखिम में डालने वाले फर्जी डाँक्टरों के खिलाफ शीघ्र कारवाई कर इस अवैध कारोबार को बंद करने का दावा कर रहे है।

वैसे तो डाँक्टर को लोग भगवान का दूसरा रुप मानते है लेकिन इस रुप और लोगो के विश्वास में खरा उतरने के लिए शिक्षा का भी बडा महत्व होता है ऐसे में मेडिलक की पढाई करने वाले डाँक्टरों और शासन प्रशासन को ठेगा दिखाते हुए झोला छाप लोग लोगो की जान के साथ खिलवाड करने से नही चुक रहे है। अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दावों पर लोगो की निगाह टिकी है कब इन अवैध कारोबार को संचालित करने वाले सलाखों के पीछे जाएगे।

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