एक परिवार का सरपंच ने कराया हुक्का पानी बंद, जानिए पूरी खबर।

तिल्दा: कोरोना में जहां एक ओर भाईचारा दिख रहा है वही दूसरी ओर कुछ लोग कोरोना के मरीजों और परिवार वालो को घृणित नज़र से देख रहे है। इसी प्रकार से एक मामला सामने आया है, तिल्दा क्षेत्र के अंतर्गत सिनोधा नामक ग्राम पंचायत में एक परिवार का हुक्कापानी सरपंच के द्वारा बंद करा दिया गया है।

दरअसल मामला ऐसा है कि गर्भवती पीड़ित महिला को उसके ससुर के द्वारा सोनोग्राफी कराने हॉस्पिटल ले जाया गया था, वहा महिला का कोरोना टेस्ट करने पर पॉजिटिव आया उसे होम आइसोलेशन में रखा गया। पीड़ित के पति का भी कोरोना टेस्ट करने पर नेगेटिव आया। इसके पश्चात पीड़ित के पति के द्वारा दुकान को खोला गया, जिसपर सरपंच ने उसे घृणित नजरिये से देखा। इस पर युवक ने कहा “मै थोड़ी ना कोरोना पॉजिटिव आया हु जो आप ऐसे देख रहे हो।” इस पर सरपंच ने कुछ नहीं कहा।सरपंच के साथ थोड़ा वाद विवाद होने पर सरपंच ने बैठक बुलाई और परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया और किसी से भी उस परिवार से मिलने पर 5001 रूपए का अर्थदंड भी घोषित कर दिया, जिस पर एक गरीब पर यह अर्थदंड लागु भी करा दिया।

इस पर पीड़िता ने तिल्दा थाना में भी गुहार लगाई, रिपोर्ट लिखा गया लेकिन सिर्फ सरपंच का ही बयान दर्ज किया गया और कहा गया कि आप तहसील कार्यालय जाइये। तहसीलदार ने कहा जमीन सम्बंधित सुलझाए जाते है विवाद,पीड़िता तहसील कार्यालय भी गयी वहा के तहसीलदार ने कहा कि आप व्यवहार न्यायालय जाइये और DGP को आवेदन दीजिये क्योकि यहाँ जमीन सम्बंधित विवाद सुलझाए जाते है। पीड़िता के द्वारा व्यवहार न्यायालय में रिपोर्ट दर्ज कराया गया है और DGP को आवेदन दे दिया गया है।

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