आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया सांकेतिक प्रदर्शन


दिलीप अग्रवाल की कलम से

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने का विरोध करते हुए बिलासपुर में सांकेतिक प्रदर्शन किया और 11 दिसम्बर को अस्पतालों की ओपीडी बन्द करने का एलान किया । आईएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने से मरीजो के इलाज में गंभीर परिणाम आएंगे। और इस फैसले के खामियाजा मरीज और समाज की भुगतना पड़ेग । डॉक्टरों ने कहा कि जहा उन्हें सर्जन बनने के लिए 10 सालो से ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है वही सरकार के इस फैसले के बाद 2 साल की पढ़ाई के बाद आर आर्युवेद करने वाले डॉक्टर बन जायेंगे जो कि सरासर गलत है ।सरकार को यदि सर्जनों की संख्या बढ़ानी है तो सीटों की संख्या में इजाफा करने की नसीहत भी डॉक्टरों ने सरकार को दी है । गौरतलब है कि आर्युवेद डाकररो को सर्जरी करने के आदेश के बाद सर्कारवके फैसले के खिलाफ डॉक्टर लामबंद होते नजर आ रहे है ।

सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देना मरीजों की जान से खिलवाड़ करना है उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को बढ़ावा मिलना चाहिए। कहा कि देश की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति का विकास जरूरी है लेकिन इसकी सीमाएं भी जरूरी हैं। शल्य चिकित्सा के लिए विशेषज्ञता जरूरी है। एलोपैथिक चिकित्सक लंबी पढ़ाई के बाद इस विशेषज्ञता को हासिल करते हैं। जबकि आर्युवेद पद्धति से सर्जरी के परिणाम के नतीजे गम्भीर होंगे

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