पुलिस कर्मियों का निर्वाचन ड्यूटी में जुआ खेलने का वीडियो हुआ वायरल…..एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी की जमी महफिल में दो आरक्षक पर गिरी गाज…देखिए वीडियो

बिलासपुर–अक्सर आप लोग ने देखा होगा की पुलिस को देख अपराधी भागते हुए नजर आते है।लेकिन एक ऐसा वाक्या सामने आया जिसमे पुलिस वाले भागते हुए और अपने मुंह को छिपाते हुए नजर आए। आपको बताते चले की बिलासपुर, सोमवार की सुबह कोनी स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में मतदान सामग्री वितरण के दौरान वितरण केन्द्र में जुआ खेलते पाए जाने पर दो आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

दरअसल 7 मई को होने वाली लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान दलों को सामग्री वितरण कोनी इंजीनियरिंग कॉलेज से किया जा रहा था । सामग्री वितरण से पहले, वाहन चालक, आरक्षक और मतदान कर्मी जुआ खेल रहे थे जिसके वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा था । मामले की सूचना जैसे जिला पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह को मिली । मामले में तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरक्षक अविनाश कुमार चंदेल एवं कमलेश सूर्यवंशी को निलंबित कर पुलिस लाईन में अटैच कर दिया है। आरक्षक अविनाश कुमार चंदेल (आर. क्र 140) की वर्तमान पदस्थापना सिविल लाईन थाना बिलासपुर एवं आरक्षक कमलेश सूर्यवंशी (आर क्रमांक 1098) की पदस्थापना थाना सरकण्डा में है। गौरतलब है कि दोनों आरक्षकों की ड्यूटी मतदान दलों के साथ सुरक्षा बलों की ड्यूटी लगाने के कार्य में लगाई गई थी। दोनों आरक्षक चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहित किये गये वाहनों के चालकों के साथ जुआ खेलते पाये गये। एसपी ने सिविल लाईन थाना के नगर पुलिस अधीक्षक को आरक्षकों के कदाचरण की जांच कर 10 दिनों में प्रमाण सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

कार्रवाई की गाज गिरी सिर्फ दो आरक्षको पर

वायरल वीडियो के सामने आने के बाद आप साफ साफ देख सकते है की ताश की बावन पारियों के साथ जो महफिल जमी थी।उसमे दर्जन भर अधिक पुलिस कर्मी हाथ में पैसे रखकर हरजीत का दांव लगा रहे थे।लेकिन पुलिस विभाग ने दो आरक्षकों पर कार्रवाई की गाज गिराई।

जबकि ऐसे कई वायरल वीडियो में यही पुलिस विभाग वीडियो को आधार बनाकर वीडियो में दिखने वाले लोगो पर अपनी कार्रवाई की।लेकिन आज जो वीडियो पुलिस वालो का सामने आया तो उसमे खानापूर्ति करते हुए नजर आ रही है।अब देखना यह होगा की क्या पुलिस विभाग वायरल वीडियो में दिख रहे अन्य पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की गाज गिराएगी या फिर अपने विभाग के लोगो को बचाने में लगकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी।

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