सशस्त्र झंडा दिवस देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन कलेक्टर,शहीदों और सैनिकों का किया गया सम्मान

बिलासपुर -शहीदों और योद्धाओं के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 7 दिसम्बर को सशस्त्र झंडा दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर आज जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में सैनिकों एवं शहीदों के लिए आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जिला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने कहा कि झंडा दिवस देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनके लिए एकजुट होने का दिन है। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर सैनिक जागते हैं, इसलिए हम सुख-चैन की नींद सो पाते है। सेना के जवान जिन्होंने देश की रक्षा और शांति के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए, उनके और उनके परिवारों का ऋण देश कभी नहीं चुका सकता।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर डाॅ. मित्तर ने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण और शहीदों के लिए समर्पित दिन है। उन्होंने इस कार्यक्रम में शहीदों एवं भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। द्वितीय विश्वयुद्ध वर्ष 1939-45 में शामिल होने वाले वीरांगनाओं श्रीमती कलावती बाई, श्रीमती केतकी बाई, श्रीमती रामदिन बाई एवं श्रीमती किसकिल्ला बाई, इसी प्रकार 1971 के युद्ध में शामिल सैनिक किशनलाल एवं नारायण दास महंत को कलेक्टर ने सम्मानित किया। इसी प्रकार दो शहीद सैनिकों के परिजनों को दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता राशि का चेक वितरित किया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल कुलदीप सहगल ने सशस्त्र झंडा दिवस के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सशस्त्र झंडा दिवस हमारे उन योद्धाओं को समर्पित है जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर शत्रुओं का सामना किया। यह दिवस भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास एवं कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिवस है। जिला सैनिक कल्याण बोर्ड बिलासपुर में 5 जिले शामिल हैं। वर्ष 1948 से प्रत्येक वर्ष सशस्त्र झंडा दिवस मनाया जा रहा है।

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