बिलासपुर की “हैप्पी स्ट्रीट” अब बनी “हॉरर स्ट्रीट” — पुलिस सिर्फ देख रही है, अपराधी कर रहे हैं ‘हैप्पी’ डांस…..युवती से मारपीट का वीडियो हुआ वायरल……

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है।जहां पर शहर के मध्य में स्थित सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत शहर की शान कही जाने वाली हैप्पी स्ट्रीट अब भय और बर्बरता की प्रतीक बन चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने पूरे शहर की “खुशी” का चीरहरण कर दिया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार वीडियो में कुछ किन्नर एक युवती को सड़क पर पटक-पटक कर पीटते नजर आ रहे हैं, और “कानून व्यवस्था” नाम की चीज़ शायद किसी छुट्टी पर है।

थाना प्रभारी का बयान भी कम दिलचस्प नहीं — “अब तक कोई शिकायत नहीं आई।” यानी जब तक कोई मरे या एफआईआर हाथ से लिखी न जाए, तब तक वीडियो, खून और चीखें सिर्फ “मनोरंजन सामग्री” मानी जाएंगी।

कल आरपा नदी में अधिवक्ता की लाश मिलने के बाद तो पूरा इलाका मानो थर्रा उठा। इतनी भीड़ जमा हो गई कि देखते ही देखते तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई — मानो शहर में कानून अचानक नींद से जाग गया हो। पर सवाल वही पुराना है — क्या पुलिस अब सिर्फ बड़ी घटना पर ही हरकत में आएगी? जब तक लाश न मिले, तब तक सब सामान्य मान लिया जाएगा?

इसी दौरान, आरपा नदी भी अपने किनारों पर डर की लाशें बहा रही है — दो दिन में दो शव, और पुलिस का जवाब वही रटा-रटाया — “जांच जारी है।” शायद यह जांच उसी स्पीड से चल रही है जिस स्पीड से सरकारी फाइलें दशकों तक चलती हैं।

बिलासपुर में अपराध अब सिर चढ़कर नहीं, बल्कि पुलिस की नाक के नीचे नाच रहा है — और पुलिस वही पुरानी तान छेड़े बैठी है, “हम देख रहे हैं, जांच करेंगे।”

कभी “हैप्पी स्ट्रीट” कहलाने वाला इलाका अब “हिंसा स्ट्रीट” बन चुका है, और सवाल उठता है — जब कानून सो रहा है, तो जनता किससे न्याय मांगे?

अगर यही हाल रहा, तो बिलासपुर की अगली पहचान होगी —
“शहर नहीं, अपराधों का ओपन थिएटर।”

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