छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने द्विविवाह मामले में पांच आईएएस अधिकारियों को जारी किया अवमानना नोटिस…..

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ सहकारिता विभाग में पदस्थ संभागीय अधिकारी को लेकर एक मामला सामने आया है। जिसमें संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी पर जीवित पत्नी के रहते हुए दूसरा विवाह करने का गंभीर आरोप है। इस आरोप के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा समय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी हुआ।यह मामला छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और न्यायिक आदेशों के अनुपालन से संबंधित गंभीर प्रश्न खड़े करता है।वर्ष 2020 में शिकायतकर्ता विनय शुक्ला ने तत्कालीन संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 22 का उल्लंघन कर अपनी जीवित पत्नी के रहते दूसरा विवाह किया और इस विवाह से एक पुत्र भी उत्पन्न हुआ। भारतीय कानून के तहत बिना शासन की अनुमति के दूसरा विवाह करना अवैध है और इसके लिए तिवारी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 166, 420, 34 आदि के तहत अपराध के आरोप भी लगाए गए।शिकायतकर्ता ने मांग की थी कि सुनील तिवारी को तुरंत निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाए और आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जाए। हालांकि, विभागीय अधिकारियों द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

उच्च न्यायालय का आदेश और अवमानना का मामला

शिकायत पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 29 सितंबर 2023 को याचिका क्रमांक W.P.C. No. 3097/2021 पर सुनवाई की। न्यायालय ने आदेश दिया कि सुनील तिवारी के खिलाफ छह महीने के भीतर विभागीय जांच पूरी की जाए। इसके बावजूद, विभागीय अधिकारियों द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया और कोई जांच शुरू नहीं हुई।

विभागीय अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने आपसी मिलीभगत से सुनील तिवारी को बचाने का प्रयास किया और न्यायालय के आदेश का साशय उल्लंघन किया। न केवल न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना की गई, बल्कि कानून की धारा 1971 के तहत न्यायालय की अवमानना भी की गई।

पांच आईएएस अधिकारियों पर अवमानना नोटिस

जब न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई, तो शिकायतकर्ता ने अपने वकील संतोष कुमार पांडेय के माध्यम से अवमानना याचिका क्रमांक CONT/1140/2024 दाखिल की। इस पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास ने 8 अक्टूबर 2024 को पांच IAS अधिकारियों के खिलाफ अवमाननानोटिस जारी किया। इन अधिकारियों नाम शामिल हैं।

– हिमशिखर गुप्ता, तत्कालीन सचिव सहकारिता
– सी.आर. प्रसन्ना, वर्तमान सचिव सहकारिता
– रमेश शर्मा, तत्कालीन पंजीयक सहकारिता
– दीपक सोनी, तत्कालीन पंजीयक सहकारिता
– कुलदीप शर्मा, वर्तमान पंजीयक सहकारिता

इन अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के आरोप तय किए जाएं।

यह मामला छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक तंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता की गंभीरता को उजागर करता है। जब प्रशासनिक अधिकारी न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करते, तो यह न केवल कानून और शासन दोनों का उल्लंघन होता है। बल्कि यह न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न खड़े करता है। इस प्रकरण में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी होना यह स्पष्ट संकेत देता है कि उच्च न्यायालय प्रशासनिक अधिकारियों के कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।

छत्तीसगढ़ के सहकारिता विभाग में सुनील तिवारी के द्विविवाह के मामले ने राज्य के प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जारी अवमानना नोटिस यह स्पष्ट करता है कि न्यायालय अपने आदेशों का सम्मान और पालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मामला न केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी की बात करता है, बल्कि यह प्रशासनिक अधिकारियों को अपने पदों के दुरुपयोग के प्रति भी सचेत करता है।

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