बंगाल से आकर शहर में भोले भाले मासूम लोगों का करा रहा था धर्मांतरण,प्रेस व स्किल डेवलपमेंट कोर्स के नाम पर घर किराए पर लेकर चला रहा था धंधा
पुरानी कहावत है कि वह डूबते हुए को तिनके का सहारा मिलना भाग्य की बात होती है ऐसे ही गरीब बेसहारा और लोगों को ईश्वरी कृपा के नाम पर ठगने वाले ठगों द्वारा धर्मांतरण के अंधकार में धकेल दिया जाता है।ऐसे ठाकुरद्वारा चालाकी से ईश्वर को किसी एक का बताकर उसके वास्तविक धर्म से भटका कर अपने फायदे के लिए उकसाया भी जाता है और साथ ही उसके स्थाई धर्म को बदनाम करने की भी कोशिश की जाती है।
ऐसा ही एक मामला बिलासपुर के नेहरू नगर में देखने को मिला जहां कई वर्षों से कमरा लेकर बंगाल से आया प्रकाश अग्रवाल नामक युवक दूर-दूर से ग्रामीणों को बुलाकर उनके वास्तविक धर्म को झूठा बता कर दूसरे धर्म में परिवर्तित होने के लिए झांसा दे रहा था प्रकाश अग्रवाल ने प्रेस व स्किल डेवलपमेंट कोर्स के नाम पर नेहरू नगर इलाके में एक घर किराए से लिया था और गांव-गांव घूमकर भोले-भाले ग्रामीणों को लालच देकर धर्मांतरण के अंधकार में झोंक रहा था।रविवार को प्रार्थना के लिए मकान में बुलाकर दूसरे धर्म का दुष्प्रचार कर लोगों को भड़काने का काम प्रकाश अग्रवाल द्वारा किया जा रहा था
जैसे ही इसकी भनक आसपास के लोगों को पड़ी लोगों ने ठग का विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया और प्रकाश अग्रवाल को अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई आसपास के लोगों ने सिविल लाइन थाना में शिकायत दर्ज करा दी है.. लेकिन देखने वाली बात है कि धर्म की स्वतंत्रता के बावजूद भी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ईश्वर के अलग रूप को प्रस्तुत कर गरीब भोले भाले लोगों को भड़काने का धंधा आखिर कब बंद होगा।