धान खरीदी में 28.52 लाख की हेराफेरी, कंप्यूटर ऑपरेटर पर एफआईआर…920 क्विंटल धान कागजों में जमीन पर गायब…

बिलासपुर–जिले के मस्तुरी थाना क्षेत्र से धान उपार्जन व्यवस्था को झकझोर देने वाला बड़ा मामला सामने आया है। सेवा सहकारी समिति मर्यादित एरमसाही (पंजीयन क्रमांक 687) के धान खरीदी केंद्र में खरीफ विपणन वर्ष 2025 के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई है। संयुक्त जांच दल द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में समिति केंद्र पर 920 क्विंटल धान कम पाया गया, जिससे शासन को 28 लाख 52 हजार रुपये की सीधी आर्थिक क्षति हुई है।

इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, मस्तुरी शाखा के शाखा प्रबंधक सुशील पनोरे की लिखित शिकायत पर कंप्यूटर ऑपरेटर कांसीराम खूंटे (पिता अंजोरी खूंटे), निवासी ग्राम एरमसाही, के खिलाफ मस्तुरी थाना में FIR क्रमांक 0821/25 दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 336(3), 338 और 340(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

जांच में सामने आया है कि आरोपी ने जानबूझकर फर्जी धान खरीदी प्रविष्टियां दर्ज कीं। कागजों में धान की खरीदी दिखाई गई, जबकि वास्तविक रूप से उतनी मात्रा केंद्र पर मौजूद नहीं थी। यह कृत्य न केवल धान उपार्जन नीति 2025 का खुला उल्लंघन है, बल्कि शासन के विश्वास और सार्वजनिक धन के साथ गंभीर धोखाधड़ी भी है।

कलेक्टर कार्यालय (खाद्य शाखा) बिलासपुर के निर्देश और प्रधान कार्यालय के पत्राचार के बाद थाना प्रभारी को सीधे FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। शिकायत के साथ पंचनामा, भौतिक सत्यापन रिपोर्ट, कथन, किसान टोकन, धान पावती, बारदाना विवरण सहित कई अहम दस्तावेज संलग्न किए गए हैं, जो मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि 920 क्विंटल धान आखिर गया कहां? क्या इस खेल में और लोग भी शामिल हैं? क्या यह केवल एक कर्मचारी की करतूत है या पूरी व्यवस्था की चूक? पुलिस जांच के साथ-साथ प्रशासनिक कार्रवाई पर भी सभी की निगाहें टिकी हैं।
धान खरीदी जैसे संवेदनशील तंत्र में हुई यह गड़बड़ी साफ संकेत देती है कि कागजों की सफाई के पीछे जमीन पर बड़ा खेल खेला गया है—और इसकी परतें खुलना अभी बाकी है।

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