अरपा नदी फिर बनी मौत का गवाह….. हाईकोर्ट वकील का शव मिलने से शहर में सनसनी…. लापरवाही की गहराई में डूबी पुलिस….बाइक मिलने के बाद भी नहीं की खोजबीन…..

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में अरपा नदी एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बन गई है। शुक्रवार की देर रात नदी के बीच एक युवक का शव तैरता हुआ देखने से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही सिविल लाइन, सीटी कोतवाली और सरकंडा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाल कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

मृतक की पहचान भाटापारा निवासी 31 वर्षीय राहुल अग्रवाल के रूप में हुई है। जो कि पेशे से हाईकोर्ट वकील है। और मंगला में रहकर हाईकोर्ट में प्रेक्टिश कर रहा था। प्रारंभिक जांच में युवक के आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि घटनास्थल की स्थिति कई सवाल खड़े कर रही है।सूत्र के हवाले से जानकारी के अनुसार एक बात समाने आई कि मृतक युवक गुरुवार को अपने दोस्तों के साथ जमकर शराब पी और अपने एक दोस्त को छोड़ने के लिए उसके मोपका स्थित घर में छोड़ कर वापस देर रात जब वापस आया तभी इसके साथ यह हादसा हुआ।बताया यह भी जा रहा कि काफी दिनों से मानसिक तनाव से जुझ रहा था,और मानसिक तनाव के कारण यह बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने लगा था।हादसे के रात के पहले से यह काफी शराब पी रखी थी।

मोटरसाइकिल और पुलिस लापरवाही…..

सूत्रों के अनुसार, युवक की बाइक रामसेतु पुल के पास अज्ञात हालात में खड़ी हुई मिली थी। पुलिस ने बाइक जब्त तो कर ली थी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने लापरवाही बरती और समय रहते खोजबीन नहीं की। बताया जा रहा है कि, शुक्रवार सुबह जब राहुल का परिवार गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने थाना पहुंचा, तो बाइक वहीं खड़ी हुई मिली। इसके बाद भी पुलिस ने खोजबीन में तेजी नहीं दिखाई। देर रात जब स्थानीय लोगों ने नदी में शव देखा, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।

घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए हैं। फिर भी सवाल यह उठता है कि जब बाइक मिलने के बाद ही मामले की गंभीरता सामने आ गई थी, तो पुलिस ने पहले ही नदी या आसपास के इलाकों की तलाशी क्यों नहीं ली?

यह घटना नगर निगम और पुलिस प्रशासन दोनों की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। अरपा नदी के किनारे बने पुलों और रिवर फ्रंट क्षेत्र में न तो सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था है, न ही पर्याप्त रोशनी या सुरक्षा कर्मियों की। लाखों रुपए खर्च कर पुल और रिवर फ्रंट तो बना दिए गए हैं, लेकिन रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नदारद है।

कुछ दिन पहले इसी अरपा नदी के इंदिरा सेतु के नीचे एक महिला की अधजली लाश मिली थी। उस मामले में भी पुलिस ने कोई ठोस नतीजा नहीं निकाला, और अब एक और शव मिलने से क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल फैल गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ दिखावे के विकास कार्यों में व्यस्त है, जबकि शहर की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था बदहाल पड़ी है। आए दिन नदी से शव मिलने की घटनाएं पुलिस और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। नागरिकों की मांग है कि नदी किनारे सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त लाइटिंग और गश्त व्यवस्था तत्काल शुरू की जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। लेकिन यह सवाल अब भी बरकरार है।क्या अरपा नदी अब लापरवाही की वजह से मौतों की गवाह बनती जा रही है?

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