धर्म नगरी को धर्मांतरण नगरी बनाने के लिए सात समुंदर पार की षडयंत्र कारी शक्तियो को विफल करेगा हिंदू समाज–प्रबल प्रताप जूदेव
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ में फिर एक बार धर्मांतरण का मुद्दा गरमाने लगा है। जहां पर जिले की धर्मनगरी रतनपुर में प्रार्थना सभा बनाए जाने को लेकर हिंदू संगठन ने मोर्चा खोलते हुए इसके विरोध में उतर आए हैं।आलम यह की रतनपुर के बंगलाभाठा गांव में मंगलवार को चर्च उद्घाटन के खिलाफ भारी हंगामा हुआ।
हिंदू संगठनों ने रतनपुर जैसी ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी में सामुदायिक भवन के नाम पर चर्च की स्थापना किए जाने का विरोध जताया। वहीं बीजेपी के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने भी चर्च उद्घाटन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।उन्होंने सीएम, एसपी, कलेक्टर को पत्र भी लिखा है।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आयोजकों ने उद्घाटन कार्यक्रम को रद्द कर दिया। साथ ही चर्च स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता अड़े रहे।जिसके चलते प्रशासन को बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
दरअसल बिलासपुर जिले के रतनपुर के बंगलाभाठा गांव में क्रिश्चियन समुदाय द्वारा आदिवासी समुदाय प्रार्थना घर के नाम पर एक चर्च का निर्माण कराया गया है। इसके उद्घाटन के लिए पांच नवम्बर को मंगलवार की सुबह 11:30 बजे कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें बिशप डायोसिस आफ छत्तीसगढ़ की सुषमा कुमार, जनप्रतिनिधि और छग डायोसिस के पदाधिकारियों के शामिल होने की संभावना थी। वही इस पूरे मामले में भाजपा नेता प्रबल प्रताप जूदेव ने मोर्चा खोलते हुए प्रदेश की पूर्व भूपेश सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि शासकीय जमीन को सामुदायिक भवन के लिए आबंटित कराया गया और उसमें प्रार्थना सभा घर बना दिया गया है।यह सब कांग्रेस की सरकार के समय हुआ है,खुलकर विरोध किया जा रहा है।इस विरोध में पूरा हिंदू समाज एकजुट है।जो मां महामाया की धर्मनगरी है।उसे धर्मांतरण की नगरी बनने नहीं दिया जायेगा।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि, रतनपुर के बंगलाभाठा गांव में बड़े पैमाने पर मतांतरण का काम हो रहा है। यहां के करीब 80 फीसदी आदिवासी परिवार ने मतांतरण कर लिया है, बचे हुए गिनती के हिंदू परिवार पर कई तरह का दबाव बनाया जा रहा। संगठन का यह भी आरोप है कि, शासकीय जमीन को सामुदायिक भवन बनाने के लिए आबंटित किया गया था, लेकिन वहां पर चर्च बना दिया गया। जिसका विरोध हिंदू संगठन के द्वारा किया जा रहा। इस मामले को लेकर एसडीएम, कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास शिकायत की गई है। इस पूरे मामले की जिला प्रशासन जांच करा रहा है।