
प्रभारी आबकारी अधिकारी और इनके अमले के बड़बोले और उतावलेपन से पंकज सिंह और घोटालेबाज जय बघेल हो गए रफूचक्कर…..फर्जी परमिट को लेकर पुलिस में जाने से बचते हुए आबकारी विभाग…..जांच का हिला हवाला देकर कही विवेचना की बात…
बिलासपुर–सोमवार दस फरवरी की शाम को बिलासपुर आबकारी विभाग ने चुनाव में बांटने के लिए लाई गई शराब की बड़ी खेप को पकड़कर खूब वाहवाही बटोरते हुए अपनी पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।लेकिन वही इनकी इस वाहवाही बटोरने के चक्कर में एक बड़ी चूक कर गए।जिसके कारण इस शराब की बड़ी खेप में शहर के जिन दो लोगों के नाम सामने आए वह मौका पाकर फरार हो गए। पकड़े गए वाहन चालक और डिलेवरी ब्वॉय ने जिन दो लोगों का नाम लिया उनके नाम को आबकारी विभाग ने खुलासे में सामने लाए और अब आगे कार्रवाई को लेकर बचते हुए नजर आ रहे है।
इनसे इस पूरी कार्रवाई को लेकर पूछने पर जांच और विवेचना का हवाला देकर आगे की कार्रवाई की बात कह रहे है।एक दिन बीत जाने पर आबकारी विभाग के पास कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है।वही जिन दो लोगों के नाम सामने आए उनमें से किसी के पास अभी तक आबकारी विभाग की कोई भीं टीम नहीं पहुंची। नाही जिनके नाम सामने आए है उनके बारे में इनके पास कोई पुख्ता जानकारी भी नहीं है।जिले के प्रभारी आबकारी अधिकारी श्री तिवारी ने खुलासे में जय बघेल और पंकज सिंह का नाम सामने लाए थे।वही उन्होंने मीडिया को बताया कि पकड़े गए वाहन चालक और डिलेवरी ब्वॉय ने इनके नाम का खुलासा किया।कही ना कही जब यह दोनों नाम सामने आए तो उनके नामो को मीडिया के सामने उजागर करना यह भी एक सवालिया निशान आबकारी विभाग की कार्रवाई पर खड़ा करता है।वही इतनी बड़ी कार्रवाई में एक बात भी निकलकर सामने आई जहां पर यह शराब तस्कर कंटेनर में रख इतनी बड़ी मात्रा में शराब को जिस परमिट के सहारे से लाए थे।वह फर्जी निकला।इस फर्जी परमिट को लेकर आबकारी विभाग आगे क्या कार्रवाई कर रह वह भी कुछ नहीं पता।वही इसको लेकर आबकारी विभाग के एडीओ छबिलाल पटेल बताया कि कार्रवाई एक ही हो सकती है।जो विभाग कर रहा है।फर्जी दस्तावेज के आधार पर शराब को खपाने लाया गया आबकारी टीम ने शराब की कार्रवाई की,और आगे जांच और विवेचना में जो निकलकर सामने आएगा आगे की कार्रवाई की जायेगी।जब पुलिस की जरूरत लगेगी तब इनकी मदद ली जायेगी।लेकिन अभी तक कुछ ऐसा तथ्य नहीं आया जिसको लेकर पुलिस की मदद ले।
लेकिन वही हमारे सूत्र बता रहे कि इस शराब के खेल में अंतर्राज्यीय सौदागर शामिल है।यदि समय रहते पुलिस विभाग को इस मामले में शामिल कर लिया जाए तो एंड टू एंड के तहत पुलिस की चल रही मुहिम से एक बड़ी सफलता मिल सकती है,और इस कारोबार से जुड़े लोगों की पहचान और उनके गिरेबान तक पुलिस अपना शिकंजा कस पाएगी।लेकिन कही ना कही इतने बड़े शराब तस्करी में और कौन कौन संलिप्त है इनके तार कहा तक जुड़े है।इसको लेकर आबकारी विभाग अभी तक पुलिस से कोई मदद या फर्जी दस्तावेज के लिए शिकायत का कोई मन भी नहीं बनाया अब देखना यह होगा आगे आबकारी विभाग अपनी जांच और विवेचना में क्या क्या खुलासा करते है।