झीरम मामले की सुनवाई दूसरी बेंच में करने की जरूरत-जस्टिस एम एम श्रीवास्तव
बिलासपुर-जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की खंडपीठ ने एनआईए की झीरम घाटी हमले से संबंधित जांच के मामले में याचिका को 3 दिन लगातार सुनवाई के पश्चात सुनवाई पूर्ण होने के पहले ही अपनी खंडपीठ से मुक्त कर दिया है। सोमवार को खंडपीठ ने मामले से संबंधित सभी अधिवक्ताओं को समक्ष बुलाकर कहा कि ताजा परिस्थिति में इस याचिका की सुनवाई पूरी कर इसे फैसले के लिए सुरक्षित रखना संभव नहीं होगा क्योंकि इसमें फैसला देने में कुछ समय लग सकता है।
जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने अपने राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरण संबंधित समाचारों के मद्देनजर यह बात कही। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायिक परंपराओं के तहत जब तक परिस्थिति पूरी तरह साफ नहीं होती इस खंडपीठ में यह याचिका अधूरी सुनवाई के साथ बंधक नहीं रह सकती,इसलिए इस आंशिक सुनी याचिका को मुक्त करना आवश्यक है।
शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने यह अनुरोध किया कि एनआईए एक्ट की धारा 6 (7 )के तहत जांच पर स्टे नहीं हो सकता। इसलिए पूर्व में दिया गया स्टे आर्डर समाप्त कर दिया जाए। इस पर भी खंडपीठ तैयार नहीं हुई और कहा कि हम इस स्तर पर कोई भी वृहद आदेश नहीं देना चाहते और हम याचिका को अपने समक्ष सुनवाई से मुक्त कर रहे हैं। खंडपीठ ने याचिका को 10 दिन बाद पुनः उपयुक्त बेंच के सामने लगाने का निर्देश दिया है।