
नौकरी के लालच में 43 लाख गंवाए, अब खुद बना आरोपी….. पुलिस ने पैसे देने और लेने वाले दोनों को पकड़ा…..
बिलासपुर– सरकारी नौकरी के लालच में ठगी का शिकार हुए एक व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन इस बार कहानी में मोड़ ऐसा आया कि शिकायतकर्ता खुद भी आरोपी बन गया। बिलासपुर जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपने बच्चों को खाद्य निरीक्षक, पटवारी और हॉस्टल अधीक्षक की नौकरी दिलाने के लिए 43 लाख रुपये ठगों को दिए। पुलिस ने इस मामले में न केवल ठगी करने वालों को पकड़ा, बल्कि पैसे देने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया।
पैसे देकर नौकरी खरीदने चला था, उल्टा जेल चला गया
शिकायतकर्ता सूर्यकांत जायसवाल ने तखतपुर थाने में शिकायत की थी कि उनसे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई है। जब जांच हुई तो पता चला कि सूर्यकांत ने खुद नियमों को दरकिनार कर अवैध रूप से बच्चों को नौकरी दिलाने की कोशिश की थी। यानी ठगी का शिकार होने के साथ-साथ वह खुद भी गुनहगार था।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई – तीन गिरफ्तार, एक पहले से जेल में
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर हुई जांच में यह मामला सामने आया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और न्यायिक रिमांडbपर भेजा।
मामला क्या है….
साल 2022 से 2023 के बीच सूर्यकांत ने 43 लाख रुपये कई किश्तों में नौकरी लगाने के नाम पर आरोपियों को दिए थे। उन्होंने अपने बेटे-बेटियों को सरकारी विभागों में सीधे भर्ती कराने की कोशिश की थी, बिना परीक्षा, बिना चयन प्रक्रिया।
जब लंबा समय गुजरने के बाद भी कोई नियुक्ति नहीं हुई तो उन्होंने खुद ही पुलिस से मदद मांगी। लेकिन जब जांच हुई, तो वह खुद भी दोषी पाया गया।
गिरफ्तार आरोपी
1. विष्णु प्रसाद राजपूत (67) – निगारबंद, तखतपुर
2. सीमा सोनी (29) – विनोबा नगर, सिविल लाइन
3. सूर्यकांत जायसवाल (55) – बरेला, हाल निवासी नेचर सिटी, सकरी
पहले से जेल में बंद….
* जावेद खान उर्फ राजा (31) – तितली चौक, तोरवा (03 अप्रैल से जेल में)
इस मामले ने एक बड़ा संदेश दिया है – केवल ठगों से सतर्क रहना ही नहीं, बल्कि खुद भी कानून का पालन करना जरूरी है। गलत रास्ता पकड़ने वाले चाहे पीड़ित बनकर आएं, लेकिन जब नियत में खोट हो, तो कानून उन्हें भी नहीं छोड़ता।