महामाया मंदिर में नवमी के दिन मां का किया गया राजसी श्रृंगार

नवरात्र की नवमीं पर रविवार को माँ राजसी श्रृंगार हुआ । इसके पश्चात विधिवत माता की पूजा अर्चना की गई । जहां पर माता अपने भव्य स्वरूप में विराज मान रही । इस दौरान पूजा प्रभारी सतीश शर्मा और मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोंथालिया ने बताया कि देवी मां का श्रृंगार लगभग साढ़े 3 किलो स्वर्ण आभूषण से किया गया है। जिसमें रानीहार, कंठ हार, मोहर हार, चंद्रहार, समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया । राजसी श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुई । वही पूजा अर्चना के बाद माँ को राजसी नैवेद्य समर्पित किया गया ।

जिसके पश्चात बिलासपुर जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए महामाया भागवत मंच में सांकेतिक रूप से कुंवारी कन्याओं के पैर धुलवाकर उन्हें आसन पर बिठाकर आरती की गई। वही कन्या भोज कराने के बाद उन्हें उपहार दिए गए। इसके साथ ही ब्राम्हण भोज के आयोजन में मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को भोज कराया गया । कन्या और ब्राम्हण भोज के बाद ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की गई । दोपहर करीब तीन बजे पूजन सामग्री के साथ पुजारी सभी ज्योति कलश कक्ष में प्रज्जवलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना किए । पूजा अर्चना के बाद मंत्रोच्चारण कर ज्योति विसर्जित की गई ।

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