पी.एच.ई बिलासपुर के अधिकारियों ने जल जीवन मिशन को बनाया जय जुगाड मिशन, व्यापक पैमाने पर हुआ भष्ट्राचार महाकाल कंस्ट्रक्शन ने टेंडर निरस्त करने पर उठाया सवाल न्यायालय के शरण मे जाने की इच्छा की जाहिर

बिलासपुर –जल जीवन मिशन स्कीम की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गयी। यह योजना भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए शुरू की गयी है जिसके माध्यम से उन्हें पानी की सुविधा घर-घर में उपलब्ध कराई जाएगी।जल जीवन मिशन स्कीम- को शुरू करने का मुख्य लक्ष्य यह है की ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 50 प्रतिशत से अधिक ऐसे परिवार है जिन्हें पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता है।पानी प्राप्त करने के लिए उन्हें दूर क्षेत्रों में कई मीलों पैदल जाना पड़ता है जिससे उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत सभी नागरिकों तक घर-घर में पानी की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।लेकिन इस मिशन को अपनी कमाई का जरिया बनाकर इसे मनमाने ढंग से इस योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कर अपने लोगो को काम देने को लेकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे है।

मामला दरअसल बिलासपुर संभाग के है जहां पी. एच.ई बिलासपुर के अधिकारियों ने जल जीवन मिशन को जै जुगाड मिशन बनाकर रखा है
22 नवंबर दिसंबर 2022 में 65 निविदा लगाये गये जिनमें व्यापक पैमाने पर भष्ट्राचार हुआ है। नवंबर 2022 के निविदा को मार्च 2023 में रेट ओपन किया गया । और जून 2023 को 65 में से 7 निविदा जिसका रेट ओपन हो चुका था उसे निरस्त कर दिया 6 माह में ठेकेदार को कार्यपालन अभियंता यू के राठिया ठेकेदार को कार्यादेश देने के स्थान पर उन टेंडर को निरस्त कर दिया और सेटिंग वाले टेंडर का वर्क ऑर्डर कर दिया
शेष बचे 58 निविदाओं में ठेकेदारों के दस्तावेज में छेडछाड़ उनके दस्तावेज अवलोकन में अनदेखा करते हुये कार्यादेश जारी किया गया है
जिसके खिलाफ महाकाल कंस्ट्रक्शन ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की एवम हाइकोर्ट में याचिका दायर करने हेतु सोमवार को न्यायालय के शरण मे जाने की बात कही
7 माह का विलंब समय महाघोटाले को उजागर करता है जिसका साक्ष्य मिशन संचालक महोदय माननीय उच्च न्यायालय में आवेदक देगा। निविदा का निराकरण 60 दिवस में किया जाना होता पर विभाग वैधता तिथि समाप्त के बाद दर ओपन कर कार्यादेश दिया गया है।

वर्तमान में पदस्थ यू.के. राठिया जनवरी में पदस्थापना के बाद कछुआ गति के कार्य करने के कारण जल जीवन मिशन का बंटाधार करने में लगे है।बिलासपुर खंड कार्यालय में निविदा ओपन के समय ठेकेदार को सूचित नही करना .अपनी गलतियों को छिपाने के लिये निविदा निरस्त कर साक्ष्य मिटाना। इस प्रकार के कृत्य बिलासपुर संभाग में मुख्य अभियंता, अधिक्षण अभियंता कार्यालय होने पर भी अधिकारियों के भष्ट्राचार पर मौन सहमती होती है। और शिकायत प्रस्तुत होने पर भी अधिकारियों को बचाने के ही कार्यवाही होती है। उक्त कृत्यों के कारण मिशन संचालक महोदय जल जीवन मिशन से विस्तृत घोटाले की जांच अधिकारियों पर कार्यवाही एवं माननीय उच्च न्यायालय में निविदा दर खोलने के उपरांत निरस्तीकरण के खिलाफ कार्यादेश की मांग पर याचिका आवेदक प्रस्तुत करेगा।

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