बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस की संवेदनशील पहल – हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को शीघ्र क्षतिपूर्ति दिलाने की प्रक्रिया तेज

बिलासपुर– ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसों में घायल व मृतकों के परिजनों को राहत पहुंचाने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। “कंपनसेशन टू विक्टिम ऑफ हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट स्कीम 2022” के अंतर्गत अब हर हिट एंड रन मामले को क्लेम इंक्वायरी ऑफिसर के पास भेजा जा रहा है ताकि क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी हो सके।

इस पहल के तहत यदि कोई व्यक्ति अज्ञात वाहन से हुई दुर्घटना में घायल होता है या उसकी मृत्यु हो जाती है और पुलिस निर्धारित समय में दुर्घटना कारित वाहन की पहचान नहीं कर पाती, तो भी उस व्यक्ति या उसके परिजनों को मुआवजा प्रदान करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाती है।

कानूनी और मानवीय उत्तरदायित्व का निर्वहन

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे के मार्गदर्शन में, ट्रैफिक पुलिस न केवल कानून का कड़ाई से पालन करा रही है, बल्कि दुर्घटना पीड़ितों के लिए संवेदनशीलता भी दिखा रही है।
थाना प्रभारी, एसडीएम, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तीनों स्तरों पर मामलों की समीक्षा और कार्रवाई समयबद्ध ढंग से हो रही है।

प्रक्रिया और सहायता तंत्र

* थाना प्रभारी सबसे पहले पीड़ित या उसके परिजनों को उनके मुआवजा के अधिकारों के बारे में सूचित करते हैं।
* क्लेम इंक्वायरी ऑफिसर को दुर्घटना की प्रथम रिपोर्ट और वारिसों की जानकारी भेजी जाती है।
* यदि समय पर मुआवजा आवेदन नहीं आता है, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संबंधित परिवारों से संपर्क कर आवेदन भरने में सहायता करता है।
* आवेदन प्राप्त होने पर, क्लेम इंक्वायरी ऑफिसर अनुशंसा सहित दस्तावेज क्लेम सेटलमेंट कमिश्नर को भेजते हैं।

जनजागरूकता अभियान भी जारी

बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस सड़क सुरक्षा को लेकर जनजागरूकता अभियान भी चला रही है। “यातायात जन चौपाल”, “यातायात पाठशाला” और “विधिक जागरूकता शिविरों” के जरिए आम नागरिकों को स्कीम की जानकारी दी जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन

हिट एंड रन मामलों में राहत योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार व पुलिस मुख्यालय नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव स्वयं इन प्रकरणों पर नजर रखते हैं।

जनता से अपील

ट्रैफिक पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे सड़कों पर सावधानीपूर्वक चलें, यातायात नियमों का पालन करें और यदि किसी दुर्घटना में कोई घायल दिखे तो ‘नेक इंसान’ बनकर उसकी सहायता करें।

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