
स्मार्ट सिटी की पोल खुली….जर्जर सड़क पर उबला लोगों का गुस्सा, व्यापारियों ने किया चक्काजाम….
बिलासपुर–स्मार्ट सिटी के दावे करने वाले बिलासपुर में बुनियादी सुविधाओं की हालत क्या है, इसका अंदाजा सोमवार को जूना बिलासपुर में हुए चक्काजाम से लगाया जा सकता है। शहर के हृदय स्थल में शामिल इस इलाके की सड़कें पिछले कई महीनों से गड्डों में तब्दील हैं। धूल, कीचड़ और गड्ढों से परेशान नागरिकों और व्यापारियों का सब्र आखिरकार टूट गया और उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
सुबह 11 बजे से ठप हुआ शहर का मुख्य बाजार क्षेत्र
प्रदर्शन सुबह 11 बजे जूना बिलासपुर के सदर बाजार और गोलबाजार रोड के बीच शुरू हुआ। ये दोनों रास्ते शहर के सबसे व्यस्त वाणिज्यिक इलाकों में गिने जाते हैं। सड़क पर उतरकर व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों ने टायर जलाए, सड़क पर बैठकर नारेबाजी की और नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी प्रबंधन की नाकामी पर सवाल उठाए। प्रदर्शन करीब ढाई घंटे तक चला, जिससे शहर की मुख्य सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं और यातायात व्यवस्था चरमरा गई।
व्यापारियों ने कहा — ‘स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजों पर स्मार्ट’
जूना बिलासपुर व्यापारी संघ के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारी सिर्फ योजनाओं की चर्चा करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता। “हमारे क्षेत्र की सड़कें एक साल से ज्यादा समय से गड्ढों में तब्दील हैं। बारिश के दिनों में यह सड़क दलदल बन जाती है और धूप में धूल उड़ती है। यह कैसी स्मार्ट सिटी है जहां नागरिक सांस तक नहीं ले पा रहे?” – उन्होंने कहा।
गांधी चौक व्यापारी संघ के अध्यक्ष नासिर खान ने बताया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद निगम अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। “हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है। अब लोगों का सब्र जवाब दे चुका है,” उन्होंने कहा।
पूर्व एल्डरमैन अखिलेश गुप्ता और समाजसेवी महेश दुबे ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द डामरीकरण नहीं हुआ तो व्यापारी फिर से सड़क पर उतरेंगे।
प्रशासन मौके पर पहुंचा, दिया जल्द सुधार का आश्वासन
करीब ढाई घंटे के जाम के बाद कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त तहसीलदार गरिमा सिंह मौके पर पहुंचीं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की और बताया कि जवाली नाला पुल से गांधी चौक तक की सड़क के डामरीकरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम समाप्त किया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि वादा पूरा नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा।

स्मार्ट सिटी की सच्चाई पर सवाल
जूना बिलासपुर का यह इलाका न केवल पुराना और घनी आबादी वाला है, बल्कि शहर के व्यवसायिक तंत्र का भी अहम हिस्सा है। बावजूद इसके, यहां की सड़कें महीनों से टूटी पड़ी हैं। बारिश में पानी भर जाता है, जिससे दुकानें और घरों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। वहीं, सूखे मौसम में धूल से लोगों को खांसी, एलर्जी और सांस की बीमारियों** का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब शहर में करोड़ों रुपये स्मार्ट सिटी परियोजना पर खर्च किए जा रहे हैं, तब भी सड़कें दुरुस्त न होना सीधे तौर पर नगर निगम की लापरवाही को दर्शाता है। लोगों ने मांग की कि निगम और स्मार्ट सिटी अधिकारी मौके का निरीक्षण कर जल्द सड़क मरम्मत शुरू करें, वरना आने वाले दिनों में आंदोलन और व्यापक होगा।




