
नियमों को ताक में रखकर बदस्तूर जारी अवैध प्लाटिंग का खेल……
बिलासपुर– नगर निगम के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 13, मंगला, इन दिनों अवैध प्लाटिंग और अनधिकृत कालोनियों का अड्डा बनता जा रहा है। प्रशासनिक निर्देशों और नगर निगम की जिम्मेदारियों के बावजूद यहां खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। वही इन जगहों में रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे है।वार्ड क्रमांक 13 का मंगला क्षेत्र जहां एक ओर दीनदयाल कॉलोनी, नया पारा, धुरिपारा और बुटन बाड़ी जैसे इलाकों में तेज़ी से अवैध कॉलोनियों का जाल फैलता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन की कार्रवाई महज औपचारिक बनकर रह गई है। यहां न सड़कों की व्यवस्था है, न नालियों की और न ही पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की।
बिल्डर जमीन बेचकर पैसे कमाते हैं और फिर बिना किसी जिम्मेदारी के गायब हो जाते हैं। रहवासी अब इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय पार्षद के पास गुहार लगा रहे हैं। लेकिन नगर निगम की सीमाओं में होने के बाद भी इन अवैध बस्तियों में सरकारी कामकाज भी ठप है। हमने इस मामले में वार्ड पार्षद से बात की तो उन्होंने अवैध प्लाटिंग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम लगातार वार्ड में घूमते हैं, देखते हैं कि दीनदयाल कॉलोनी, धुरिपारा मोहल्ला समेत कई इलाकों में प्लाट काटे जा रहे हैं, मुरुम बिछाकर कच्चे नालियों के साथ बिल्डर प्लाट बेचकर फरार हो रहे हैं। फिर लोग वहां मकान बनाकर रहने लगते हैं और बुनियादी सुविधाओं के लिए पार्षद पर दबाव डालते हैं। पार्षद ने बताया कि, बिल्डर किसानों की जमीनों को एग्रीमेंट के माध्यम से खरीदते हैं और छोटे-छोटे टुकड़ों में रजिस्ट्री करवा देते हैं। न तो रेरा कानून का पालन होता है, और न ही अन्य नियमों की कोई परवाह।
पार्षद की मांग है कि अब पटवारी और राजस्व विभाग के माध्यम से जांच कर ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।बता दें कि, जिले में नए कलेक्टर ने पदभार संभालते ही इस मसले पर संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब की है और उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इन अवैध कॉलोनियों पर लगाम कसने के लिए कितनी गंभीरता से काम करता है, या फिर मंगला की जनता यूं ही मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करती रहेगी।