तखतपुर में सतनामी समाज का बवाल…. कथावाचक ने मांगी माफी….समाज ने गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा……

बिलासपुर– तखतपुर में कथावाचक आशुतोष चैतन्य महाराज के विवादित बयान को लेकर बुधवार को तनावपूर्ण स्थिति बन गई। सतनामी समाज के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद समाज के सैकड़ों लोगों ने थाने का घेराव कर कथावाचक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। बढ़ते विवाद और विरोध प्रदर्शन के बाद कथावाचक आशुतोष चैतन्य महाराज ने एक वीडियो जारी करते हुए सतनामी समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।

कथावाचक की सफाई और माफी
वीडियो संदेश में आशुतोष चैतन्य महाराज ने कहा कि उनके कथन का उद्देश्य किसी समाज या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा, *“यदि मेरे किसी शब्द से सतनामी समाज की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं। मेरा मकसद केवल धर्म प्रचार और भक्ति संदेश देना था, किसी का अपमान करना नहीं।”*
हालांकि सतनामी समाज के लोगों ने इस माफी को पर्याप्त नहीं माना। उनका कहना है कि कथावाचक ने खुले मंच से अपशब्द कहे हैं, जो न केवल समाज का अपमान है, बल्कि धार्मिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचाने वाला है। समाज के नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।

थाने का घेराव और पुलिस की कार्रवाई
बुधवार को सैकड़ों की संख्या में सतनामी समाज के लोग तखतपुर थाने पहुंचे और कथावाचक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराने की कोशिश की। बाद में समाज के प्रतिनिधियों ने थाने और स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आशुतोष चैतन्य महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। तखतपुर थाने में उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 353(2) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, ताकि बयान की सत्यता और वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि की जा सके।

पुलिस और प्रशासन का बयान
एडिशनल एसपी (ग्रामीण) अर्चना झा ने बताया कि, *“पुलिस वैधानिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही है। घटना के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की गई है और जांच प्रारंभ कर दी गई है। साक्ष्यों के संकलन के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला अभियोजन अधिकारी से विधिक राय मांगी गई है और राय प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।”*
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कानून के दायरे में रहकर हर पक्ष को सुन रही है और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

प्रशासन की शांति की अपील
घटना के बाद क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और प्रशासन सभी के साथ निष्पक्ष न्याय करेगा।
स्थानीय स्तर पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। वहीं, समाज के वरिष्ठ नेताओं से भी संवाद स्थापित कर विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

वर्तमान स्थिति
हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन समाज के लोग कथावाचक की गिरफ्तारी की मांग पर अब भी अड़े हुए हैं। प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए है और किसी भी संभावित उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए चौक-चौराहों पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

यह मामला अब धार्मिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां एक ओर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल उठ रहा है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक भावनाओं के सम्मान की मांग भी जोर पकड़ रही है।

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