नेशनल साईंस सेन्टर दिल्ली में दिखेगा खदानों से कोयला उत्पादन का दृश्य
बिलासपुर-प्रतिष्ठित नेशनल साईन्स म्यूजियम कौंसिल (एनसीएसएम) के साईन्स सेन्टर दिल्ली में अब कोयला खदान और उससे जुड़ी गतिविधियों के दृश्य स्थापित किए जायेंगे। इस हेतु कोल इण्डिया लिमिटेड एक मॉकअप (छद्म) कोल माईन तैयार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस संबंध में कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव (एफए) सुश्री निरूपमा कोतरू ने एनसीएसएम के डायरेक्टर जनरल श्री ए.डी. चौधरी से मुलाकात कर प्रस्तावित माईन माडल की डिजाईन व संबंधित पहलुओं को अंतिम रूप देने पर चर्चा की।
इस मॉकअप माईन के जरिए म्युजियम देखने आने वाले लोग कोयला खदान के संचालन एवं गतिविधियों का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे। अत्याधुनिक डिजिटल डिस्प्ले, वर्चुवल रियलिटी तथा सिमुलेटर के जरिए एक वास्तविक खदान के दृश्य तथा आवाजों का आभासी अनुभव उपलब्ध हो सकेगा। इससे दर्शक यह भी समझ सकेंगे कि किस प्रकार चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोयला खनन व जुड़ी गतिविधियाँ संचालित होती हैं। आगन्तुकों को आम जीवन में इस महत्वपूर्र्ण इंधन के उपयोग को समझने में भी सहायता मिलेगी। मॉकअप माईन में कोयला खनन की आधुनिक तकनीकें तथा सुरक्षा के लिए किए गए उपाय आदि की भी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। आशा है कि युवा वर्ग इसके जरिए खनन क्षेत्र में अपना कैरियर चुनने की दिशा में भी आकर्षित हो सकेंगे।
नेशनल कौंसिल ऑफ साईन्स म्यूजियम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वशासी सोसायटी है जिसके अधीन देशभर में 25 साईन्स सेन्टर एवं म्यूजियम संचालित होते हैं। प्रगति मैदान दिल्ली में एनसीएसएम का राष्ट्रीय केन्द्र है जहाँ प्रति वर्ष विज्ञान में रूचि रखने वाले लोग तथा बच्चे भारी तादाद में आते हैं।