बढ़ते कबाड़ के व्यवसाय में अहम भूमिका किसकी क्या इन्हें लगाम की जरूरत है कि इनको छूट की,जिले में बढ़ते कबाड़ के धंधे के जिम्मेदार कौन ? रास्तो में सजी दुकानों पर कार्यवाही से संकोच क्यो ? कबाड़ियों पर कार्यवाही से क्या रुकेगी चोरी की वारदात
बिलासपुर जिले में में इन दिनों कबाड़ का व्यवसाय अपने पूरे शबाब पर है । कबाड़ से जुड़े कबाड़ी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे है । बिना पूंजी के पुलिस के संरक्षण में कबाड़ी देखते देखते फर्श से अर्श पर पहुँच जाता है । बिलासपूर् के सरकण्डा क्षेत्र में अभी हाल ही में एक पुराना कबाड़ का व्यवसायी ने अपनी नई दुकान को सजा रखी है।।वही हाल पूरे शहर का है जिसमे कोतवाली क्षेत्र , तोरवा, सिरगिट्टी , हिर्री और चकरभाठा इलाको में कबाड़ियों की सजी सजाई दुकान आसानी से देखी जा सकती है । किसकी शह पर यह धंधा फल फूल रहा है इसका अनुमान लगाना बिल्ली के गले मे घण्टी बाँधने के समान है ।
कई कबाड़ियों की पुलिस थानों तक इनकी पहुँच जगजाहिर है । बिलासपुर के चर्चित अपरहण कांड में फरियादी के अपने धंधे में पुलिस को हफ्ता देने की बात सामने आने से हड़कम्प मच गया था । और पुलिस जांच की दिशा भी भटक गई थी लेकिन बाद में अपरहण में परिवार के लोगो का हाथ होने के खुलासे के बाद वयापारी से हफ्ता लेने वाले पुलिसकर्मियो ने राहत की सांस ली थी ।प्लास्टिक , पेपर , गत्ता , कागज के नाम पर चल रहे इस धंधे की आड़ में चोरी के माल खपाने का काम बेरोटक चल रहा है । खुलेआम गाड़ियों में चोरी के माल एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की इन कबाड़ियों की दिलेरी साठगांठ के बिना सम्भव नही है ।छोटे से ठेले से शुरुवात का यह सफर एक बड़े गोदाम तक पहुचने की मेहरबानी बिना सरंक्षण के नामुनकिन है । शहर में हो रही चोरियों की वारदात में इन कबडियो की अहम भूमिका नजर आती है। क्योंकि चोरी का माल अक्सर इन्ही कबाड़ियों की दुकानों में खपाया जाता है। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में चोरी की गाड़ियों को खपाने का काम भी कबाड़ी कर रहे है ।छोटी चोरियों का लेखा जोखा पुलिस महकमा भी रखना जरूरी नही समझता है। जिसके चलते जिले में कबाड़ियों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है । और लगातार बड़ रही कबडियो की संख्या के चलते बिलासपुर में चोरी की वारदात भी तेज होती जा रही है । जरूरत है समय रहते कबाड़ियों पर अंकुश लगाने की और इनके गोदामो में छापामार कार्यवाही की । सूखे नशे के चंगुल में फंसे युवा और स्लम एरिया के बच्चे छोटी मोटी चोरी कर अपने नशे की लत को पूरा करने के लिए चोरी के माल को कबाड़ियों के पास खपा देते है । ऐसा भी नही है कि पुलिस कबाड़ियों पर कार्यवाही नही करती है लेकिन जिस प्रकार सिर्फ इनके माल और वाहन जप्त की कार्यवाही कर सिर्फ खानापूर्ति करती है उससे पुलिस पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है ।जनता की राय है कि पुलिस कप्तान को खुद संज्ञान लेकर थाना क्षेत्रों मे थानेदार की मिलीभगत से चलने वाले जुआ, सट्टा, शराब,गांजा, नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के साथ कबाड़ियों पर भी सख्त कार्यवाही के आदेश जारी करने की ।