न्यायधानी की पहचान है अरपा पुल, अब क्यों इसे बंद किया जा रहा, पढ़िए पूरी ख़बर।

रायपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर की अरपा पुल बिलासपुर की पहचान , हर बिलासपुरवासींयो को यह अपने घर का कोई हिस्सा ही लगता है। बहुत कम लोगो को इसकी जानकारी होगी कि यह पुल मात्र एक लाख रूपये मे सन्1926 मे बनी थी।अंग्रेज़ों के ज़माने से आजतक इस पुल ने ज़िम्मेदारी से अपना फ़र्ज़ निभाया है, सरकंडा को बिलासपुर शहर से जोड़ने मे इस पुल की अहम भुमिका है। इस पुल को बनाने मे चुना व गोंद का इस्तेमाल किया गया था। आज भी पुल की मज़बूती पर कोई प्रश्न चिन्ह नही है। नगर निगम बिलासपुर से अरपा अर्पण महाअभियान “जन आंदोलन” द्वारा महापौर महोदय व आयुक्त महोदय नगर निगम बिलासपुर को निवेदन किया गया की हमारे भावना का सम्मान करते हुये “अरपा पुल” को ससम्मान म्युजीम की तरह उपयोग मे लाये जाने का कस्ट करें ।

अब इस पुल को बंद किया जा रहा है जिसपर अमृत मिशन की पाईप रखी जायेगी !!!
हमे अपने ऐतिहासिक धरोहर को संजोये रखना होगा ताकी आने पीढ़ी को अपने इतीहास का ज्ञान हो सके।अमृत मिशन के पाईप लाईन के लिये अन्य विकल्प हो सकते है पर ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिये नही । अगर हो सके तो पुराने पुल पर पारदर्शी म्युजीम के माध्यम से छत्तीसगढ़ के वीरों , संस्कृति , वन्य जीवों व इतिहास को दर्शाया जा सकता है ।

Related Articles

Back to top button