रायपुर में पत्रकारों का आमरण अनशन शुरू.. राज्य भर के पत्रकार भूपेश सरकार के खिलाफ कर रहे हैं आमरण अनशन..

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री के नही मिलने पर पत्रकारों ने उनको दिए जाने वाले ज्ञापन को पहले जलाया और फिर आज से आमरण अनशन पर बैठे.. 10 पहले से ही दी गई थी सूचना की पूरे कांकेर मामले पर पीड़ित पत्रकार कमल शुक्ला खुद मुख्यमंत्री से मिलकर पूरी घटना को विस्तार से बताना चाहते हैं.. लेकिन 2 अक्टूबर को राज्य भर से राजधानी पहुचे पत्रकारों ने घंटो मुख्यमंत्री का इंतजार किया.. उसके बाद CM से मिलने उनके निवास की तरफ प्रदर्शन करते हुए रैली निकाल कर कूच किया.. लेकिन रायपुर पुलिस ने पत्रकारों को रास्ते मे ही रोक लिया जिसके बाद पत्रकार सड़क पर ही बैठ कर घंटो प्रदर्शन करते रहे.. सड़क पर पत्रकारो के घण्टो बैठे रहने के बावजूद शासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही आई जिसके बाद मुख्यमंत्री को दिया जाने वाले ज्ञापन को वयही सड़क पर ही जला दिया गया और 02 अक्टूबर का पत्रकार आंदोलन स्थगित किया गया.. बतादें कि.. कांकेर में प्रदेश की सत्तासीन पार्टी कांग्रेस के एक नेता ने जबाव सवाल के दौरान पत्रकार कमल शुक्ला के साथ बुरी तरीके से 26 सितंबर को सरेराह मारपीट की थी.. जिसके बाद प्रदेश भर में ममला उछला और 2 अक्टूबर को कांकेर में पत्रकारों द्वारा जेल भरो आंदोलन किया जाना था.. जिसे दबाने के लिए कांकेर जिले प्रशासन ने कांकेर के ही दूसरे पत्रकार जो आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे सतीश यादव को कांकेर थाने के पीछे ही पुलिस द्वारा बुरी तरह से पिटवाया.. तो फिर पत्रकारों ने कांकेर की जगह राजधानी रायपुर में 2 अक्टूबर को प्रदर्शन किया.. बतादें की 02 अक्टूबर गांधी जयंती को रायपुर में पत्रकारो द्वारा किए गए प्रदर्शन को स्थगित करने के बाद कांग्रेसी नेता द्वारा मारपीट के शिकार हुए कमल शुक्ला रायपुर में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है..

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