एसबीआर कालेज जमीन विवाद मामले में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व भाजपा नेता शेलेन्द्र यादव ने किया ऐलान जब तक भूमाफियाओं से मुक्त नहीं होगी जमीन तब तक रहेंगे नंगे पैर

बिलासपुर-बिलासपुर एसबीआर कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व भाजपा नेता शैलेंद्र यादव द्वारा रविवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसबीआर कॉलेज जमीन विवाद मामले पर एलान किया कि जब तक कॉलेज के खेल मैदान को भू माफियाओं से मुक्त नहीं करा लिया जाता तब तक वे नंगे पैर घूमेंगे और इसके साथ ही एसबीआर कालेज के सारे छात्र छात्राएं काली पट्टी लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।

शैलेंद्र यादव ने कहा कि जमुना प्रसाद वर्मा शासकीय कला/वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एस बीआर कॉलेज) के खेल के मैदान की खसरा नंबर 107/3 तथा 108/3 की 2 एकड़ 38 डिसमिल जमीन बचाने के लिए सोमवार को एस डीएम से परमिशन लेकर मंगलवार 20 जुलाई से 10.00 बजे से 12.00 बजे तक काली पट्टी लगा कर अनिश्चित कालीन धरना देने, जब तक कॉलेज की जमीन को खेल मैदान के लिए भूमाफियों से मुक्त नही करा लेता, तब तक बिना जूता चप्पल पहने नंगे पैर रहूंगा.. तथा निराकरण के लिये सारे जनप्रतिनिधियों के पास भी जाऊंगा और मेरे समर्थन में एस बीआर कॉलेज के सभी छात्र छात्राएं तथा भूतपूर्व छात्र भी जो जहां होंगे शोसल मीडिया में काली पट्टी लगा कर विरोध करेंगे..

जानिए क्या है पूरा मामला..

एसबीआर कॉलेज के सामने जमीन विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है और सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में 2 सप्ताह के भीतर कागज पेश करने का आदेश दिया है। जमीन विवाद मामले पर कुछ दिनों पूर्व विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने सवाल उठाए थे और कहा था कि इस जमीन का कई बड़े कारोबारी सौदा करना चाहते हैं इसलिए ट्रस्ट के सामने अड़चन लगाया जा रहा है..1944 में एसबीआर ट्रस्ट का गठन हुआ। इसे बजाज परिवार ने बनाया था। परिवार की तरफ से 10 एकड़ जमीन दान में दी गई, इसके अलावा जरहाभाटा में इस कॉलेज का निर्माण भी कराया गया। कॉलेज को दान में जो 10 एकड़ जमीन मिली थी, अब उसमें 8 एकड़ जमीन पर कब्जा हो चुका है। कॉलेज के पीछे की 8 एकड़ जमीन पर मिनी बस्ती बस गई है। ट्रस्ट का आरोप है कि कॉलेज दान में दी हुई 10 एकड़ जमीन को तो संभाल नहीं पाया और इसे कब्जे में जाने दिया। आज भी इस जमीन पर मिनी बस्ती बसी हुई है।और इसे हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। लेकिन कॉलेज के सामने की जमीन जो रोड के किनारे है और कॉलेज जिसे मैदान के रूप में उपयोग करता रहा, उस पर विवाद पैदा किया जा रहा है।

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