एक ओर विश्व महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण की कि जा रही बात.. वहीं दूसरी ओर बाढ़ की वजह से बेघर हुई महिलाएं कलेक्टर से लगा रही गुहार

पूरा विश्वास महिलाओं के सम्मान में विश्व महिला दिवस मना रहा है तो वही देश समेत प्रदेश भर में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग संस्थाओं द्वारा महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है। लेकिन हम आपको एक ऐसी खबर दिखाने जा रहे हैं जो आपको जरूर सोचने में मजबूर कर देती है कि क्या ऐसे कार्यक्रमों भर से ही महिला और समाज का सशक्तिकरण हो पाएगा।बिलासपुर के तखतपुर ब्लॉक में पिछली बरसात के समय बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी।

जिसकी वजह से तखतपुर के बहुत सारे इलाके जलमग्न हो गए थे।और इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को बेघर होना पड़ा था कई गांव में तो स्थिति और भी बस से बदतर हो गई थी। बाढ़ के कारण कच्चे मकान पूरी तरह तहस-नहस हो गए थे।जिसके बाद प्रशासन द्वारा स्थानीयों को किसी तरह छत की व्यवस्था करने के लिए सरकारी भवनों और स्कूलों में ठहराया गया था।साथ ही उस वक्त बाढ़ से प्रभावित लोगों की हर मदद करने का वादा भी किया गया था।लेकिन तखतपुर के मोढ़े गांव के निवासी आज भी अपने उस हक के लिए जूझ रहे हैं।

स्थानीय विधायक से लेकर मंत्री द्वारा तक सिर्फ आश्वासन का लड्डू उन गरीबों के हाथ में थमाया गया।लेकिन किसी भी प्रकार का मदद नहीं मिल पाता इसी के लिए सारे जगह से निराशा मिलने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं आज बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंची.. जहाँ उन्होंने बताया कि..आज भी कैसे उन्हें चारदीवारी और छत के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।।

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