सरकार की मेहनत पर पानी फेरता सरकारी विभाग, पलायन का काम एक बार फिर से जोरों पर ना नियमों का पालन ना जान का डर
पिछले 1 साल में कोरोना वैश्विक महामारी ने जहां विश्व की पूरी अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। वहीं भारत में सरकारों ने मजदूरों को वापस भेजने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था।लेकिन अब उनकी यह मेहनत विफल होती नजर आ रही है,क्योंकि एक बार फिर पलायन का धंधा जोरों पर है। अवैध तरीके से मजदूर ले जाने व उनकी जान जोखिम में डालने का काम बस मालिकों और सरदारों द्वारा किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जहां बसो में भर भर कर सैकड़ों की संख्या में लोगों को दूसरे प्रांतों में भेजा जा रहा है।नियमों की धज्जियां उड़ा कर लोगों की जान किस तरह जोखिम में डाली जा रही है दिनदहाड़े मजदूर पलायन का गोरख धंधा किया जा रहा है बावजूद इसके विभाग और उच्च अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है विभाग की बेशर्मी तो इस चरम पर है कि श्रम विभाग को पिछले 10 अगस्त के बाद मजदूरों के आगमन और पलायन के आंकड़े की जानकारी तक ही नहीं है। वहीं इस मामले में जब अधिकारियों को अवगत कराया गया तो उन्होंने भी हवा हवाई में जांच कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।