कोरोना पॉजिटिव को हॉस्पिटल ले जाने पर ग्रामीणों ने किया विरोध.. पॉजिटिव को लेने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस को खदेड़ा..

पामगढ़ ब्लॉक अंतर्गत कोसा सेमरिया गांव में एक साथ अब तक के सबसे अधिक 33 कोविड-19 पॉजिटिव केस मिलते ही शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया.. इन सभी कोरोना पॉजिटिव को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने जब स्वास्थ विभाग की टीम वहां पहुंची तो उसे ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.. पॉजिटिव मीले मरीजो को हॉस्पिटल शिफ्ट करने में जुटी टीम का विरोध करने गांव की महिलाएं रोड पर आ गईं.. किसी तरह स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से 33 में से 20 को तो कोविड अस्पताल शिफ्ट करा दिया, लेकिन शेष बचे 13 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को गांव के लोगों ने ले जाने नहीं दिया। ग्रामीणों की मांग थी कि कोविड हॉस्पिटल में इलाज के बजाए गांव में ही उनका इलाज किया जाये। बाद में ग्रामीणों और पुलिस सहित स्वास्थ कर्मियों के बीच में इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ। इसके बाद शाम को एसडीएम, तहसीलदार, डीएसपी सहित पामगढ़ और मुलमुला पुलिस मौके पर पहुंचे और फिर ग्रामीणों से बात करके उन्हें समझाइस दी। ग्रामीणों का कहना था कि हमारे गांव में किसी का कोरोना टेस्ट न किया जाये। हम घर में रहकर ही काढ़ा सहित सभी नियमो का पालन करेंगे कहते रहेंगे। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी मांगो समाज हित में न बताते हुए शेष बचे कोरोना पॉजिटिव लोगों को कोविड हॉस्पिटल शिफ्ट कराया..

ज्ञात हो कि 5 दिन पहले कोसा सेमरिया के एक युवक की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उस संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये 65 लोगों का कोरोना टेस्टकिया था। रविवार को इसकी चौकाने वाली रिपोर्ट आने से पूरे जिला में 63 कोरोना पॉजिटिव आने से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ था। पामगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक साथ एक गांव से 33 केस निकलना कोरोना महामारी का विस्फोट है.. अगर हमें इससे बचना है तो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हर एक गाइडलाइंस का पालन करना होगा..

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