दाल में कुछ काला तो नहीं:- दलाल ने कहा 5 गाडियां निकली थी.. जांच अधिकारी ने कहा सीसीटीवी बंद था.. वार्डवासी और वार्ड पार्षद ने कहा.. 

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में गरीबों को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के जरिए दिए जाने वाले खाद्य सामग्री की हेरा फेरी की शिकायतें काफी लंबे समय से आ रही थी खासकर शहर के कुछ एक दुकानदारों की शिकायतों सालों से लगातार हो रही थी लेकिन कार्रवाई के नाम पर विभागीय अधिकारियों की लीपापोती इनके कर्मकांड को दबाती चली आ रही थी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद ऐसे कई स्थान है जहां पर पीडीएस राशन की हेराफेरी करते दुकानदारों को पकड़ा गया है बात करें बिलासपुर की तो धर्म नगरी रतनपुर में कुछ दिनों पहले ही नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा चावलों की हेराफेरी की शिकायत हुई थी जिसके बाद उन पर कार्रवाई भी की गई.. बीते शुक्रवार को बिलासपुर के वार्ड क्रमांक 21 गुरु घासीदास नगर में पूर्व भाजपा पार्षद के रिश्तेदार द्वारा चावल की अफरा-तफरी करते वार्ड वासियों ने देखा.. जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की.. जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने जेल लाइन चौक के पास चावल ले जाते एक ऑटो को पकड़ा.

जिसके बाद दूसरे दिन खाद्य विभाग की टीम गुरु घासीदास नगर में स्थित दुकान पर गई थी.. आज मीडिया से बात करते हुए ए.एफ.ओ राजेश शर्मा ने बताया कि.. दुकान में लगा सीसीटीवी उस दिन बंद था.. साथ में साथ ही जांच में उन्होंने पाया कि.. उस दुकान में निर्धारित से कई क्विंटल अधिक चावल जमा है.. चावल के साथ साथ शक्कर और केरोसिन की मात्रा भी निर्धारित से कम थी.. भारी अनियमितता के बीच दुकान पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.. इसी विषय में जानकारी लेने आज वार्ड क्रमांक 21 की पार्षद सीमा धृतेश अपने वार्ड वासियों के साथ खाद्य विभाग पहुंची थी.. अधिकारियों से बात करने के बाद सीमा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि.. भाजपा सरकार के शासनकाल में वार्ड की जनता के राशन को इसी तरह पूर्व भाजपा पार्षद के रिश्तेदार एवं सेल्समैन द्वारा बेचकर अपना जेब भर लेता था.. हर बार मौके से मौखिक शिकायत पर कार्रवाई के बजाय खाद्य निरीक्षक द्वारा दुकानदार से सेटिंग कर ली जाती थी.. इसलिए पुलिस की सहायता से पीडीएस के चावल की अफरा तफरी करने वाले लोगों को पकड़ा गया.. बहरहाल खाद्य अधिकारी इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं.. पर पूरे मामले पर नजर डाले तो कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब अभी मिलना बाकी है.. शुक्रवार को जैसे ही पुलिस ने चावल से भरे ऑटो को पकड़ा तो शहर में एक और सेल्समैन के रिश्तेदार जिसे पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.. उसने एक वीडियो में कबूल किया राशन दुकान से 5 गाड़ियां चावल की निकली थी.. लेकिन एक ही पकड़ाई अब सवाल उठना लाजमी है कि.. विभाग के नाक के नीचे से गरीबों के हक का राशन बेचा जा रहा है तो क्या इसकी भनक खाद्य निरीक्षक को नहीं थी..? और अगर खाद्य निरीक्षक की लापरवाही से अगर गरीबों का हक मारा जा रहा है तो क्या ऐसे मामलों में उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.. और अगर खाद्य निरीक्षक की जिम्मेदारी को वार्डवासियों को उठाना पड़े और खाद्य विभाग को छोड़कर पुलिस को खबर देकर कार्रवाई करानी पड़े तो क्या उनकी पदस्थापना सही है..

महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठा रहे खाद्य निरीक्षक की लापरवाही जगजाहिर है साथ ही उनके सेटिंग के किस्से हर कोई जानता है लगातार शहर में व्यवसायिक संस्थानों में घरेलू गैस सिलेंडर को लेकर शिकायत होती रहती है.. बावजूद इसके शहर के वार्ड क्रमांक 1 से लेकर 30 तक की जिम्मेदारी संभाल रहे खाद्य अधिकारी अजय मौर्य के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.. कार्रवाई तो दूर की बात जिन संस्थानों की शिकायतें की जाती है.. उन्हें ही चंद मिनटों के भीतर विभाग के लोगों द्वारा फोन कर सतर्क कर दिया जाता है.. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि खाद्य निरीक्षक अपने क्षेत्र के प्रति कितने ईमानदार और सजग हैं?.. शहर में लगातार खाद्य मामलों को लेकर शिकायतें आती रहती है और इस तरह के निर्ष्क्रिय अधिकारियों के चलते गरीब जनता को दर दर भटकने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है..

Related Articles

Back to top button