वाह रे नगर निगम:- पहले तो खुद शहर को खोदापुर बनाया.. बिना परमिशन खुदाई कर रहे निजी ठेकेदार को रोका और बिना कर्रवाई दे दिया परमिशन.. निजी ठेकेदार मध्यप्रदेश के एनएसयूआई अध्यक्ष को फोन कर कहा- बात करिए यहां कैसेट फंस रही है..

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर का इतिहास खंगाला जाएं तो इसका सबसे बड़ा काला अध्याय नगर निगम और उनके अधिकारियों की घोर लापरवाही से कुख्यात होगा.. बिलासपुर शहर को भले ही कागजों में स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है.. लेकिन शहर के गली कुचों से लेकर मुख्य स्थानों और मार्गों में घूम लिया जाएं तो, शायद ही कोई इसे सिटी का दर्जा भी दे.. नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ा बिलासपुर आज अपनी बदहाली का रोना रो रहा है.. शहर में ऐसा कोई इलाका नहीं बचा जहां नगर निगम ने अपनी बदनीयत का गढ्ढा न किया हो.. यहीं कारण है कि.. शहर का हर एक व्यक्ति नगर निगम और उसके अधिकारियों को अच्छी धारणा रखता हो.. बिलासपुर नगर निगम अपने करतूतों के लिए कुख्यात तो है ही, साथ ही निजी ठेकेदारों को शह देने में भी पूरे प्रदेश में टॉप स्थान पर काबिज है.. यहीं कारण है कि.. यहां निगम आयुक्त अपने आप को शहंशाह समझते है?.. इसलिए मीडिया को जवाब देना या फोन उठाना जरूरी नहीं समझते.. और अपने हिसाब से शहर को बदलने में लगे हैं.. और इसी कारण नगर निगम के अधिकारी अपने आयुक्त के नक्शे कदम पर चलते हुए बिलासपुर शहर को अर्श से फर्श तक लाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते..
बहरहाल हम बात कर रहे है शहर के लिए नासूर बन चुके और लगातार जारी खुदाई की.. एक ओर नगर निगम अमृत मिशन के नाम पर शहर का सीना खोद रहा है.. और वहीं दुसरी ओर प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी के लिए बिना परमिशन के निजी ठेकेदार द्वारा सरकंडा मुक्तिधाम के पास सड़क खोद कर लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है.. मामले की जानकारी नगर निगम के अतिक्रमण विभाग को पड़ी तो आनन फानन में विभाग के लोग मौके पर पहुंचे.. बड़ी बात रही कि बिना परमिशन खुदाई कर रहे अनिल पांडे मामले में सेटिंग्स करने की भरपूर कोशिश की यहाँ तक कि.. नगर निगम के लोगों के पहुंचने से पहले मीडिया के सामने उन्होंने मध्यप्रदेश के एनएसयूआई अध्यक्ष को फोन लगाकर कहा कि.. बिलासपुर विधायक के संपर्क करिए यहां कैसेट फंस रही है.. (अब सवाल यह रहा कि सेंटिग अटकने को कैसेट फंसने का कोर्ड वर्ड दिया गया).. बिना परमिशन के सड़क खोद रहे ठेकेदार ने कहा कि.. नगर निगम को सारे कागज जमा कर दिए गए है.. लेकिन उनकी लापरवाही की वजह से परमिशन नहीं मिल रहा इसलिए हमने अपना काम शुरू कर दिया है..

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीडिया वालों के जाने के बाद थोड़ी देर में निगम का अतिक्रमण अमला मौके पर पहुंचा जिसके बाद निजी ठेकेदार को परमिशन दे दिया गया.. पूरे मामले पर नजर डाला जाएं तो एक बात साफ है कि.. सेंटिग और शह देने की वजह से कुख्यात हुआ बिलासपुर नगर निगम और उसके अधिकारी शहर की बिगड़ी हालत का सबसे बड़े जिम्मेदार है.. वहीं अवैध खुदाई के पूरे मामले पर बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने कहा है कि.. शहर में चल रहे अवैध खुदाई का जिम्मेदार पूरी तरह से नगर निगम और उसके अधिकारी हैं.. और ऐसे बिना परमिशन अवैध खुदाई कर रहे ठेकेदारों और उनका साथ दे रहें निगम के अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए..

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