केंद्रीय शिक्षा मंत्री 15 को करेंगे भारतीय अनुवाद संघ का शुभारंभ


वर्धा में महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय की महत्‍वाकांक्षी परियोजना ‘भारतीय अनुवाद संघ’ का शुभारंभ मंगलवार 15 दिसंबर को प्रात: 10.30 बजे भारत के माननीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ करेंगे। उन्‍होंने बताया कि शुभारंभ सत्र में विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल माननीय शिक्षा मंत्री जी का स्‍वागत करेंगे तथा विश्‍वविद्यालय की कार्य योजना प्रस्‍तुत करेंगे। उल्‍लेखनीय है कि भारतीय अनुवाद संघ का यह पहला ई-सम्‍मेलन है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की स्थापना मुख्यत: हिंदी भाषा और साहित्य की उन्नति और विकास के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के भी उन्नयन और विकास तथा सुसंगत विद्या-शाखाओं में ज्ञान-विज्ञान को उपलब्ध कराने और हिंदी की प्रकार्यात्मक क्षमता का विकास करने के उद्देश्‍य से की गई है । विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रसारित गूगल फॉर्म द्वारा पंजीकरण कर अबतक देश-विदेश की छियालीस (46) विभिन्न भाषाओं के 866 अनुवादक पंजीकृत हुए हैं । विश्वविद्यालय ने विभिन्न विधाओं के क्षेत्र में उपलब्ध प्रतिष्ठित ग्रंथों के अनुवाद का संकल्प किया है। इसमें स्वत्वाधिकारमुक्त ग्रंथ तो सम्मिलित हैं ही, किंतु स्वत्वाधिकारियों की अनुमति प्राप्त कर अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथों को हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित करने की योजना है । ‘भारतीय अनुवाद संघ’ अनुवाद के अतिरिक्त विभिन्न विद्या शाखाओं को विकसित करने के लिए अद्यतन ज्ञान आधारित मौलिक पुस्तकों के सर्जन का भी कार्य करेगा । इससे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, विधि एवं प्रबंधन आदि में अनूदित साहित्य के साथ-साथ मौलिक ज्ञान सामग्री तैयार हो सकेगी, जिससे इन विद्या शाखाओं में हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में शिक्षा दिये जाने के लिए सुदृढ़ भित्ति तैयार हो सकेगी । ‘भारतीय अनुवाद संघ’ ज्ञान के अतिरिक्त भारतीय भाषाओं के साहित्य को एक से दूसरी भाषा में अनूदित/ अनुसृजित कराये जाने का भी संकल्प रखता है, जिससे भारतीय साहित्य की संकल्पना को भली-भांति रूपायित करने का कार्य संपन्न हो सके । विदेशी भाषाओं की क्लासिक कृतियों को हिंदी में अनूदित कराया जाना भी इसमें सम्मिलित है । ‘भारतीय अनुवाद संघ’ राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और ज्ञान में उन्नयन की दृष्टि से उपर्युक्त कार्यों में अग्रणी नेतृत्वकारी भूमिका का निर्वहन करने के लिए संकल्पित है । इस दृष्टि से अनेक प्रयास हुए हैं, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और इस क्षेत्र में कार्य करने वाली सार्वजनिक संस्थाओं के सहयोग से भारतीय अनुवाद संघ इस योजना को व्यवस्थित करना चाहता हैं । इस योजना में राज्य विश्वविद्यालय एवं उनकी संस्थाएं भी सम्मिलित हो सकती हैं । इस क्षेत्र में कार्य करते हुए यह संघ विश्वविद्यालय द्वारा पहले से ही प्रस्तावित पराविद्या उच्च अनुसंधान एवं ज्ञान सर्जन केंद्र से भी सहबद्ध होकर सर्जित ज्ञान को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए भी यत्नशील रहेगा । इस दृष्टि से भारतीय अनुवाद संघ द्वारा शिक्षा विभाग, भारत सरकार के ‘स्‍वयम्’ (SWAYAM) पोर्टल पर विधि, प्रबंधन कंप्‍यूटर आदि विभिन्न विद्याशाखाओं के लिए अंग्रेजी में उपलब्ध वीडियो व्याख्यानों एवं पाठों का मराठी में अनुवाद कार्य कराया जा रहा है।महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा पहले चरण में ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पच्चीस (25) पुस्तकों के अनुवाद का कार्य किया जाना प्रस्तावित है ।

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