डेढ़ दर्जन से अधिक एंटी सायबर क्राइम यूनिट…..फिर भी आरोपी को पकड़ने में नाकाम…..

बिलासपुर– न्यायधानी बिलासपुर में लगातार तेजी से अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है । जिसके लिए पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे है । जिले के थानों और स्पेशल पुलिस टीम अपराधियों पर लगाम लगाने में अक्षम साबित हो रही है ।
नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ करती बिलासपुर की एंटी सायबर क्राइम यूनिट।जिस उद्देश्य से इस टीम का गठन किया गया था आज वही टीम उद्देश्य से काफी दूर नजर आ रही है। बदलते समय के अनुसार एंटी सायबर क्राइम यूनिट भी हाईटेक तरीके से आरोपी तक पहुंचने के लिए इंतजार के लिए सिर्फ मोबाइल ट्रैक तक ही सीमित रह गई है । सायबर क्राइम के जाबाज़ सिपाहियो की आंखों के सामने हत्या का संदेही आरोपी खुले आम घूम रहा है । जवानों की मौजूदगी में अपराध को अंजाम देकर आसानी से निकल जा रहा है। आरोपी का फोटो वीडियो और उसकी हिस्ट्री तक इन पुलिस कर्मियों के सामने आ गई है बावजूद उसके बाद भी आरोपी के गिरेबान पकड़ने में नाकाम साबित हो रहे है।

सिफारिश और उनकी नियुक्ति के साथ सरंक्षण

एंटी सायबर क्राइम यूनिट में लगभग अधिकारी से लेकर जवान तक बीस लोगो की टीम काम कर रही है।जिसमे एडिशनल एसपी,निरीक्षक, उप निरीक्षक,प्रधान आरक्षक,और आरक्षक।ऐसा भी नही इस टीम में काम करने वाले कोई नए हो इसके पहले और लंबे समय से अधिकतर लोग इस जगह में काम कर चुके है।थाने स्तर की सिविल टीम हो या सायबर यूनिट इसी में काम में लग कर नौकरी बजा रहे है।सूत्र बताते है की इस टीम कई जवान अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए राजनीतिक पहुंच और सिफारिश के माध्यम से अपनी पोस्टिंग कराएं। वही समय समय पर अपनी करतूतों से खाकी को दागदार करने वाले पुलिस जवान की टीम में वापसी को भी सिफारिश और एप्रोच से जोड़ा जा रहा है । जिले में अवैध गतिविधियों में शामिल बदमाशों से इनके मधुर संबंध किसी से छुपे हुए नही है।आज भी कई अवैध कारोबार करने वाले कारोबारी बखूबी इनके सरंक्षण में अपने काले कारनामे को अंजाम दे रहे है।

सूचना तंत्र हुआ फैल

आज एंटी सायबर क्राइम यूनिट सिर्फ और सिर्फ हाईटेक सूचना पर निर्भर है।हम चाहे बात कर ले सीसी टीवी फुटेज की या मोबाइल फोन या अन्य नेटवर्किंग माध्यम की।इसके भरोसे से ही मामले को सुलझाने में लगे हुए है।अगर हम बात करे तो इन सबके पहले भी पुलिस ने इनके बगैर भी कई अनसुलझे मामले का खुलासा करती आई है। क्योंकि इनके सूचना तंत्र कह ले या मुखबिरी जमीनी स्तर पर सटीक काम करती थी। जिनकी मदद से अपराध करने वाले अपराधियों को सलाखों के पीछे लाकर धकेला है।

ऐसा हम इसलिए कह रहे की पिछले महीने पुराने बस स्टेंड में देर रात केबल आपरेटर कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने निर्मम तरीके से हत्या की घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया था।इस घटना की जानकारी लगते ही जिले के पुलिस कप्तान मौके पर जाकर घटना स्थल का जायजा लिया और आरोपी के जल्द पकड़ने बात कही।जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू कर एक संदेही की पता तलास में जुट गई।पुलिस उस संदेही तक पहुंच पाती की उस संदेही की खबर आग की तरह पूरे शहर में फेल गई।इधर एंटी सायबर यूनिट के जवान सरकंडा क्षेत्र के चिंगराजपारा,अमरैय्य चौक,और इसके आस पास क्षेत्र में दबीस देकर उसे पकड़ने में आज तक सफल नहीं हो पाए। पुख्ता सूत्र की माने तो वही बदमाश इन पुलिसकर्मियों के सामने था और इनको चकमा देकर फरार भी हो गया । बिलासपुर कप्तान के निर्देश के बाद से ही पूरे समय एंटी सायबर क्राइम यूनिट के जवान लगातार इस क्षेत्र में घूमकर उसे पकड़ने में लगे हुए तो वही वह संदेही युवक घर घुसकर घटना को अंजाम देकर भाग खड़ा होता है। और बिलासपुर पुलिस के काबिल जवान इसको पकड़ नहीं पाते है ।
सूत्रो की माने तो इन जवानो ने अपनी आंखों के सामने देख रहे अपराधी को पकड़ने में कोई दिलचस्पी भी नही दिखाई और इसके उलट अधिकारियों को अलग कहानी बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया ।
अब इन आरोप का पूरा सच क्या है यह तो मौके पर मौजूद सायबर क्राइम यूनिट के जवान और फरार बदमाश ही बता सकता है ।
देखना होगा की शहर में बढ़ते अपराध पर निशाने पर आए पुलिस के उच्च अधिकारी इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते है।

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