विद्युत विभाग की लापरवाही की वजह से कर्मचारी की मौत.. जिस भवन पर बिजली कर्मी चढ़ा था उस पर लग रहे हैं अवैध निर्माण के आरोप.. बिजली विभाग की लापरवाही से उड़े कई घर के इलेट्रॉनिक सामान

बिलासपुर शहर में एक बार फिर बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने तो आई है,लेकिन कही ना कही नगर निगम भी इस घटना के पीछे का बड़ा जिम्मेदार है विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते एक कर्मचारी की मौके पर करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई है.. मामला बिलासपुर के व्यस्तम मार्केट सदर बाजार इलाके का है।

शहर में दो दिन से हो रही लगातार बारिश की वजह से कई इलाकों से शार्ट सर्किट की शिकायतें सामने आ रही थी..सदर बाजार इलाके में ऐसी ही हो रही शार्ट शर्किट की शिकायत व्यपारियों ने बिजली विभाग से की.. शॉर्ट सर्किट के वजह से अचानक बढ़े बिजली के दबाव के कारण आसपास के रिहायशी इलाकों के घरों में आग लगने से लेकर बिजली के समान होने तक की समस्या सामने आई लोगों के घरों में रखे लाखों रुपए के टीवी फ्रीज समेत इलेक्ट्रॉनिक आइटम बिजली के अधिक दबाव की वजह से खराब हो गए।।

शिकायत के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने समस्या के निवारण के लिए कर्मचारी को भेजा .. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कर्मचारी ने तार काटने से पहले विभाग से बिजली काटने की जानकारी फोन पर ली लेकिन बेसुध अधिकारियों ने बिजली की सप्लाई बंद नही होने की जानकारी कर्मचारी को नही दी।।

जानकारी के अभाव और अपने अधिकारियों की बातो पर विश्वास कर कर्मचारी जब लाइन काटने लगा तो उस लाइन की बिजली सप्लाई चालू थी और कर्मचारी करंट की चपेट में आकर बेहोश हो कर गिर गया.. बता दे कि जिस भवन में बिजली कर्मचारी लाइन काटने चढ़ा हुआ था वह पर अवैध रूप से निर्माण के आरोप भी लगते रहे हैं कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के समय चुपचाप काम कराने को लेकर महेश ज्वेलर्स पर कार्रवाई भी की गई थी नगर निगम द्वारा नोटिस जारी कर काम रोकने का आदेश भी दिया गया था।

लेकिन अपने रसूख के सामने महेश जेव्लर्स के साथ साथ वही अगल बगल में विजय चश्मा घर और कपूरचंद एंड संस् द्वारा अवैध रूप से निर्माण का काम जारी रखा गया और आज उसी अवैध निर्माण में चलकर एक बिजली कर्मचारी की काम के दौरान जान चली गई कहीं ना कहीं प्रशासन के उदासीन रवैया को भी इसके लिए जिम्मेदार मानना जरूरी है क्योंकि समय रहते अगर अवैध निर्माण पर कार्यवाही की गई होती है वहां निर्माण नहीं हुआ होता तो शायद आज एक कर्मचारी की जान बचाई जा सकती थी।।

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